भारत शासनके राज्य मन्त्री मुख्तार अब्बास नकवीने कहा है कि पिछले डेढ वर्षमें वक्फ सम्पत्तिपर अनधिकृत अतिक्रमणके दो सहस्र प्रकरण प्रविष्ट किए गए हैं । इन प्रकरणोंमं आरोपियोंके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जा रही है ।
नकवीने गुरुवारको ७६वें ‘सेंट्रल वक्फ कौंसिल’को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन लोगोंने वक्फकी सम्पत्तियोंपर अतिक्रमण किए हैं भारत शासन उन्हें कदापि क्षमा नहीं करेगा । इन सम्पत्तियोंपर अतिक्रमण (कब्जा) करनेवाले गुट कितनेकी ही शक्तिशाली क्यों न हों, वह इन सम्पत्तियोंको मुक्त कराना चाहते हैं । उन्होंने कहा कि अतिक्रमणके अधिकतर प्रकरण ‘वक्फ बोर्ड’ और ‘माफिया’की आपसी साठगांठका परिणाम हैं । कुछ परिवादोंको (शिकायतोंको) शासनने केन्द्रीय अन्वेषण विभागको भी सौंपा है ।
केन्द्रीय मन्त्रीने कहा कि ‘सरकार’द्वारा इन सम्पत्तियोंका उपयोग अल्पसंख्यकोंके सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिकसशक्तिकरणके लिए किया जाएगा ।
नकवीने बताया कि वह वक्फ बोर्डकी सम्पत्तियोंको ‘डिजिटलाइज’ करनेके भी प्रयासमें हैं । इसी क्रममें राज्यके सभी निकायोंको समर्थन दिया है । उन्होंने यह भी बताया कि इन सभी परिवादोंको देखनेके लिए सर्वोच्च न्यायालयके एक सेवा निवृत्त न्यायाधीशकी अध्यक्षतामें केन्द्रीय स्तरपर एक मण्डलका (बोर्डका) गठन होगा । राज्योंके लिए तीन सदस्यीय प्राधिकरण बनेंगे । अबतक २१ राज्य प्राधिकरण बना चुके हैं । देश भरमें ५,१२,५५६ पंजीकृत और अपंजीकृत वक्फकी सम्पत्तियां हैं ।
( क्या भारतका शासन मुस्लिमोंके तुष्टीकरणके लिए स्थापित ‘वक्फ बोर्ड’को भंग कर सभी सम्पत्तियोंका देशहितमें उपयोग करनेकी दिशामें प्रयास करेगी ? – वैदिक उपासना पीठ)
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