दिसम्बर १४, २०१८
पाकिस्तानसे कई वर्षों पूर्व गुजरातके अहमदाबाद आए लगभग ८३ हिन्दुओंको प्रशासनने शुक्रवार, १४ दिसम्बरको भारतकी नागरिकता दे दी ! जनपद कलेक्ट्रेटमें आयोजित एक शिविरमें अधिकारी विक्रान्त पाण्डे और स्थानीय विधायक बलराम थावनीने इन ८३ आवेदकोंको नागरिकता कानून, १९५५ के प्रावधानोंके अनुरूप भारतीय नागरिकताके प्रमाण-पत्र प्रदान किए । अधिकतर आवेदक या तो सिंधी थे या माहेश्वरी समुदायसे थे ।
पाण्डेने कहा, “२०१६ में केन्द्रने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तानके अल्पसंख्यक समुदायोंके सदस्यों जैसे हिन्दू और सिखोंको नागरिकता देनेकी प्रक्रियाको विकेन्द्रित कर दिया था । आज पकिस्तानसे आए ८३ आवेदक भारतके नागरिक बन गए ।” उन्होंने बताया कि दिसम्बर २०१६ में जारी गजट अधिसूचनाके माध्यमसे गुजरातके अहमदाबाद, गांधीनगर और कच्छके अधिकारोंको राज्यमें रह रहे इन समुदायोंके आवेदकोंको भारतीय नागरिकता देनेकी शक्ति दी थी ।
जनपद अधिकारीने बताया कि इस शिविरसे पूर्व अहमदाबाद कलेक्ट्रेटने लगभग ४०० लोगोंको भारतकी नागरिकता दी थी और इसीके साथ दो वर्ष पूर्व नूतन व्यवस्थाके प्रभावी होनेके पश्चात वह इस प्रकारसे नागरिकता देनेके प्रकरणमें देशके सभी जिलोंमें शीर्षपर पहुंच गया ।
“गुजरात प्रशासनका यह निर्णय प्रशंसा योग्य है । केन्द्र शासनसे भी हिन्दुओंको यही अपेक्षित है कि निकटवर्ती देशके त्रस्त हिन्दू भाईयोंको भारतमें सम्मानके साथ रखे, क्योंकि हिन्दुओंके लिए समूचे विश्वमें एक ही राष्ट्र है और अवैध रोहिंग्या आतंकियों और अन्य बांग्लादेशी धर्मान्धोंको, जिनका आतंकी गतिविधियों व राष्ट्रविरोधी कृत्योंके समाचार आते रहे हैं, भारतीय सीमासे बाहर करें, यही राष्ट्र व हिन्दू हितोंमें है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : आजतक
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