नेशनल डेस्क: दिल्लीके आर्क बिशप (कैथोलिक) अनिल काउटोकी ओर से पिछले दिनों पादरियोंको लिखे पत्रसे राजनीतिक हलचल पैदा हो गई। ८ मईको लिखे इस पत्रमें आर्क बिशपने ईसाई समुदायसे २०१९ के चुनावमें नई सरकार के लिए विशेष प्रार्थना करनेकी बात कही है। इसमें कहा गया कि देशका जो राजनीतिक वातावरण है, उसने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और देशकी धर्मनिरपेक्ष पहचानकेलिए संकट पैदा कर दिया। वहीं आर्क बिशपके इस पत्रको लेकर भाजपाने भी पलटवार किया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंहने इस पत्रका विरोध करते हुए कहा कि हमारा भारत चुनिंदा उन राष्ट्रोंमें है जहां अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। हमारे यहां धर्म और जात-पातके नामपर किसी से भेदभाव नहीं किया जाता है। भाजपा नेता गिरिराज सिंहने इस पर कीर्तन पूजा करने की सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहूंगा जो सांप्रदायिक सद्भावनाको किसी भी तरह से प्रभावित करे लेकिन अगर गिरिजाघर लोगोंसे कहता है कि आने वाले चुनावमें मोदीकी सरकार न बने इसलिए वह प्रार्थना करें तो मैं उनसे यह कहना चाहता हूं कि देशमें दूसरे धर्मके लोग भी हैं जो कीर्तन पूजा करते हैं।
इस प्रकरणपर दिल्लीके आर्कबिशपके सचिव पादरी रॉबिन्सनने कहा कि आर्कबिशपके पत्रमें कुछ भी राजनीतिक बात नहीं थी और न ही उन्होंने सरकार और माननीय प्रधानमंत्रीके विरुद्ध कोई बात कही है। पत्रके बारेमें गलत सूचना प्रचारित और प्रसारित की जा रही है। उन्होंने कहा कि उस पत्रमें बस नियमित प्रार्थना की बात कही गई है और ऐसे पत्र पहले भी लिखे जा चुके हैं।
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