आधुनिक वैज्ञानिकोंका मानना है कि संस्कृत पढनेसे गणित और विज्ञानकी शिक्षा ग्रहण करनेसे सरलता होती है, क्योंकि इसके पढनेसे मनमें एकाग्रता आती है। वर्णमाला भी वैज्ञानिक है । इसके उच्चारण मात्रसे ही गलेका स्वर स्पष्ट होता है । रचनात्मक और कल्पना शक्तिको बढावा मिलता है । स्मरण शक्तिके लिए भी संस्कृत रामबाण है । आजकल ‘कॉल सेण्टर’में कार्य करनेवाले युवक-युवती भी संस्कृतका उच्चारण करके अपनी वाणीको शुद्ध कर रहे हैं । समाचार पढनेवाले (न्यूज रीडर), चित्रपट (फिल्म) और मंचके (थिएटरके) कलाकारोंके लिए यह एक उपचार सिद्ध हो रहा है । अमेरिकामें संस्कृतको वाक चिकित्साके (स्पीच थेरेपीके) रूपमें स्वीकृति मिल चुकी है । ऐसी विशुद्ध और वाणीको ओजस्वी बनानेवाली भाषाको आप क्या सीखना नहीं चाहेंगे ?
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