जुलाई १५, २०१८
चीनने इस बार कैलाश मानसरोवर झीलमें डुबकी लगानेपर प्रतिबन्ध लगा दिया है ! कैलाश यात्रियोंको स्नानके लिए झीलका जल बाल्टियोंमें भरकर दिया जा रहा है । यह कहना है, यात्रा पूरीकर लौटे कैलाश यात्रियों का । उनके अनुसार चीनने झीलके जलको प्रदूषित होने से बचानेके लिए यह प्रतिबन्ध लगाया है ।
कैलाश मानसरोवर हिन्दुओंकी आस्थाका प्रमुख केन्द्र है । कैलाश पर्वतके दर्शन और मानसरोवर झीलमें स्नानके लिए प्रत्येक वर्ष बहुत श्रद्धालु तिब्बत जाते हैं । यहां यात्री प्रथम कैलाश पर्वतकी परिक्रमा करते हैं, इसके पश्चात पवित्र मानसरोवरमें स्नानके पश्चात यात्री पूजा-अर्चना करते हैं । इस वर्षसे चीन शासनने झीलमें स्नानपर प्रतिबन्ध लगा दिया है ।
दूसरी बार कैलाश यात्रा पूरी कर लौटे मुम्बई निवासी भानु दास बताते हैं कि वर्ष २००९ में उन्होंने झीलमें डुबकी लगाई थी । इस बार उन्हें झीलमें स्नान नहीं करने दिया गया ! स्नानके लिए झीलसे बाल्टीमें जल दिया गया !
चौथी बार कैलाश यात्रा पूर्ण कर लौटे गाजियाबाद निवासी संजय त्यागीने बताया कि इससे पूर्व जब भी वह यात्रापर गए, उन्होंने मानसरोवरमें डुबकी लगाई; लेकिन इस बार इसपर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है ।
वर्ष २०१२ से २०१८ तक सात बार कैलाश यात्रापर जा चुके दिल्ली निवासी अजय कपूरने भी मानसरोवरमें स्नानपर प्रतिबन्धकी पुष्टि की । कैलाश यात्रियोंका कहना था कि चीन शासनको उनकी धार्मिक भावनाओंका भी ध्यान रखना चाहिए ।
यात्रा पूर्ण कर लौटे चौथे दलके कैलाश यात्रियोंने बताया कि मानसरोवर झीलकी परिक्रमासे पूर्व सभी यात्रियोंको चीनी प्रशासनकी ओरसे झीलकी स्वच्छताका ध्यान रखनेका परामर्श दिया जाता है । इसके बाद भी कुछ यात्री पवित्र मानसरोवरमें साबुनसे स्नान करते थे ! कई यात्री तो पुराने वस्त्र भी मानसरोवर झीलमें डाल देते थे । इससे जल प्रदूषित हो रहा था । झीलमें बढ रही अस्वच्छता और जलको प्रदूषित होने से बचानेके लिए झीलमें स्नानपर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है ।
स्रोत : अमर उजाला
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