अनेक सन्तों एवं भविष्यद्रष्टाओंने कहा है कि आनेवाले कुछ वर्ष अत्यन्त क्लेशप्रद होंगे । भारतमें ख्रिस्ताब्द २०२३ से हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनासे पूर्व सर्वत्र अराजकता व्याप्त हो जाएगी, पञ्च तत्त्वोंका प्रकोप, बाह्य आक्रमण, आन्तरिक गृहयुद्ध यह सबतोघटिततोहोगा ही,साथ ही,वैश्विक स्तरपर तीसरा महायुद्ध आरम्भ होनेसे विकसित राष्ट्रोंमें सर्वाधिक विनाश होगा, जिससे वहांके उद्योग एवं व्यापार लगभग नष्ट हो जाएंगे एवं सम्पूर्ण विश्वमें यह विनाशलीला फैल जाएगी, ऐसेमें‘एलोपैथ’ उद्योग सबसे अधिक प्रभावित होगा; इसलिए द्रष्टा सन्तोंने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति सीखने एवं सिखानेको सभीके लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं । ऐसेमें हमें भी अपनी पूर्वसिद्धता कर लेनी चाहिए; क्योंकि जब आग लगती है तब कुंआ नहीं खोदा जाता; अतः हम आपको ऐसे ही कुछ और चिकित्सा पद्धतियोंके विषयमें बताएंगे जो आप स्वयं भी कर सकते हैं एवं दूसरोंको भी सिखा सकते हैं तथा आपातकालमें इसका प्रयोग कर लोगोंके स्वास्थ्य एवं प्राणोंकी रक्षा भी कर सकते हैं; अतः ऐसे लेखोंको अच्छेसे अभ्यास करें एवं आवश्यकता पडनेपर अभीसे उसे अपने जीवनमें उतारनेका प्रयास करें ! यदि आपके पास ऐसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतिके कोई विशेषज्ञ हों तो उनसे यह सब सीखें और उसका अभ्यास करें एवं करवाएं !
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