वास्तुशास्त्रके अनुसार कौनसे वृक्ष या पौधे लगाए जा सकते हैं ? (भाग – ३)


तुलसी वास्तुको शुद्ध और पवित्र करती है । तुलसीका पौधा कल्याणकारी, बहु उपयोगी, पवित्र एवं शुभ माना जाता है । घरमें आनेवाली वायुमें सकारात्मक ऊर्जा बढाने हेतु तुलसीके पौधे अत्यन्त उपयोगी माने जाते हैं । जिस भूमिपर तुलसीके पौधे लगे हों, वहां भवन निर्माण करना उत्तम है, तुलसीका पौधा अपने चारों ओरके ५० मीटरतकके परिसरके वातावरणको शुद्ध रखता है; क्योंकि शास्त्रोंमें यह पौधा बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है एवं यह विष्णु तत्त्वको वास्तुमें आकृष्टकर वहां सुख-समृद्धि प्रदान करता है एवं वास्तुकी नकारात्मकताको सोखता है । पुराणके अनुसार, तुलसीके पौधेपर गुरु और लक्ष्मी दोनोंकी कृपा होती है । तुलसीका पौधा लगानेके लिए उत्तर, पूर्व या पूर्वोत्तर दिशा उत्तम है; किन्तु इसे घरके किसी भी कोनेमें लगाया जा सकता है । मात्र इसे अस्वच्छ या अपवित्र स्थानपर न लगाएं ! तुलसीमें जीवाणु-प्रतिरोधी क्षमता (एंटीबायोटिक कपेसिटी) सहित अनेक औषधीय गुण होते हैं । इसका स्पर्श व इसकी वायु दोनों ही लाभकारी हैं; इसलिए इसे घरमें अवश्य लगाना चाहिए । तुलसीका पौधा वायु प्रदूषणको भी न्यून करता है । उसे घरके ब्रह्म स्थल अर्थात मध्यमें लगाना अति उत्तम होता है । पूर्व कालमें ब्रह्मस्थानको खुला छोड वहां आंगन बनाया जाता था और यहींपर मध्य भागमें तुलसीकी पिण्डीकी स्थापनाकी जाती थी । जिस घरमें अत्यधिक आध्यात्मिक कष्ट होता है, उनके घर तुलसीके पौधे नहीं टिकते हैं, ऐसेमें वास्तु शुद्धिके अन्य सभी प्रयत्न करने चहिये जिसके विषयमें आपको पूर्वके लेखोंमें विस्तारसे बता ही चुकी हूं ।


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