मई २४, २०१९
पाकिस्तानके विदेश मन्त्रालयने गुरुवार, २३ मईको भारतको कश्मीरकी संवैधानिक स्थितिको परिवर्तित करनेके विरुद्ध चेताया है । साथ ही पाकिस्तानने कहा कि ‘पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर विवादपर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदके प्रस्तावोंका उल्लंघन करनेवाले किसी भी पगका विरोध करेगा ।’
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालयके प्रवक्ता डॉ. मुहम्मद फैजलने कहा कि सैद्धांतिक रूपमें, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदके प्रस्तावोंके अनुसार संयुक्त राष्ट्रकी देखरेखमें जनमत संग्रह होनेतक जम्मू और कश्मीरकी स्थितिमें कोई परिवर्तन नहीं हो सकता है ।
भाजपा और उसके सहयोगी दलोंके एनडीएद्वारा लोकसभा चुनाव २०१९ विजयीपुर होनेके साथ ही उन्हें देशमें निरन्तर दूसरा कार्यकाल मिला है । भाजपाने भारतीय संविधानके अनुच्छेद-३७० को निरस्त करनेका संकल्प लिया था ।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मन्त्री नितिन गडकरीने गत १३ मईको ही कहा था कि कश्मीरमें संवेदनशील स्थितिके कारण मोदी शासनने कश्मीरसे अनुच्छेद-३७० को नहीं हटाया । भारतीय जनता पार्टीके वरिष्ठ नेता गडकरीने यद्यपि कहा कि पार्टी संविधानके इस विशेष प्रावधानको हटानेको लेकर प्रतिबद्ध है ।
धारा-३७० के प्रावधानोंके अनुसार, संसदको जम्मू-कश्मीरके बारेमें रक्षा, विदेश प्रकरण और संचारके विषयमें विधान बनानेका अधिकार है; परन्तु किसी अन्य विषयसे सम्बन्धित विधानको पारित करवानेके लिए केन्द्रको राज्य शासनका अनुमोदन चाहिए । इसीके कारण जम्मू-कश्मीर राज्यपर संविधानकी धारा-३५६ लागू नहीं होती । इसलिए राष्ट्रपतिके पास राज्यके संविधानको निरस्त करनेका अधिकार नहीं है ।
“पाकिस्तानमें आर्थिक मन्दीका समय चल रहा है, वहां फल-शाक आदि भी लोगोंकी पहुंचे बाहर हो गए हैं । यह हम क्यों बताएं रहे हैं; क्योंकि जो देश स्वयं नहीं चल पा रहा है, वह कह रहा है कि कश्मीरको हाथ नहीं लगाने देंगें, यह हास्यास्पद ही है ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जी न्यूज
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