२३ नवम्बर, २०२०
१६ मार्चको पाकिस्तानके लाहौर जनपदमें १७ वर्षीय मूक- बधिर बालिकाका उसके घरसे अपहरण किया गया तथा पडोसमें रहनेवाले जिहादी युवकके साथ बलपूर्वक विवाह कराया गया । ‘ब्रिटिश’ पाकिस्तानी ‘क्रिश्चियन एसोसिएशन’में प्रकाशित ब्यौरेके अनुसार, १७ मार्चको इस घटनाके सम्बन्धमें सन्धा पुलिसने प्राथमिकी प्रविष्ट की थी ।
जांचके मध्य ज्ञात हुआ कि सन्दिग्धोंका नाम अली मोबशीर और मोहम्मद अजीम है । पुलिसको यह भी ज्ञात हुआ कि जिस समय पीडिता लापता हुई थी, उस समय यह दोनों उसके घरके समीप ही थे । इसके पश्चात पुलिसने अजीमसे सम्पर्क करनेका प्रयास किया और उसने पूछताछमें सहयोग करनेपर सहमति भी प्रकट की; परन्तु बादमें मोबशीरके सहित २ माहतक लापता रहा । १० अप्रैलको रुबीनाके पास एक और ‘कॉल’ आया, जिसमें उसने कथित ढंगसे अपनी पुत्रीकी आवाज सुनी ।
घटनाके कुछ समय पश्चात आरोपी कासिफका चाचा ५ जूनको पीडिताके सहित पुलिस थाने आया, जो कि २ माहसे लापता थी । इसके पश्चात उसने विवाहका फर्जी इस्लामी प्रमाण-पत्र व पीडिताकी आयु १८ वर्ष बतानेके लिए फर्जी आयु प्रमाण-पत्र दिखाया । इसके अतिरिक्त आरोपीके चाचाने सहमतिका लिखित-पत्र भी दिखाया, जिससे वह सिद्ध करना चाहता था कि बालिकाने अपनी इच्छासे इस्लाम स्वीकार किया है ।
इसके पश्चात उसने पीडिताको अपने घर वालोंसे मिलनेके लिए जाने दिया और साथमें यह चेतावनी भी दी कि उसे अपने परिवारके पास पुनः नहीं भेजा जाएगा । अन्तमें उसने कहा कि लडकी अपने पतिकी ‘जायदाद’ है और अपने परिवारसे मिलने के पश्चात उसे अपने पतिके पास लौटना होगा ।
अपनी पुत्रीसे भेंटके पश्चात रुबीनाने बताया कि सांकेतिक भाषामें बात करते हुए कोमल बहुत अधिक व्यथित दिख रही थी । पीडिताने बताया कि ५ जिहादी युवकोंने उसे बन्धक बनाकर उसके साथ बलात्कार किया और अपहरणकर्ताको बन्दी बनानेके स्थानपर उल्टा उसे बन्धक बनाकर रखा गया । रुबीनाने यह सारी बातें पुलिसको बताईं, फिर भी पुलिसने उसकी अपनी पुत्रीको साथ लेकर जानेसे मना कर दिया ।
– ईश्वरसे यही प्रार्थना है कि जिस प्रकार आतङ्की मुसलमान हिन्दू बालिकाओंका जीवन नष्ट कर रहे हैं, उससे कहीं अधिक दुर्दान्त मृत्यु उन्हें मिले और जिहादी राष्ट्रका अन्त हो । – सम्पादक, वैदिक उपसाना पीठ ।
स्रोत : ऑप इण्डिया
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