बद्रीनाथमें अब नहीं होंगे वीआइपी दर्शन, ‘नेता जी’को भी पंक्तिमें लगना पडेगा !


मई २८, २०१९

यूं तो भगवानके लिए सभी समान है; परन्तु मानवने मानवोंको साधारण, विशेष और अति विशेष आदि श्रेणियोंमें विभाजित कर दिया है । विशेषतः मंदिरोंमें ये व्यवस्था सबसे अधिक देखनेको मिलती है, जहां साधारण लोगोंको भगवानके दर्शनके लिए पंक्तिमें लगना पडता है; परन्तु विशिष्ट लोग शानसे आते हैं और सबसे प्रथम भगवानके दर्शनकर निकल जाते हैं । कमसे कम पहाडमें अब यह नहीं होगा ! उत्तराखण्डके बदरीनाथ धाममें मंदिर समितिने विशिष्ट व्यक्ति द्वारको बंद करनेका निर्णय लिया है । यही नहीं इसका पालन भी हो रहा है । गुजराती धर्मशालाके ठीक सामने बने इस द्वारको बंद कर दिया गया है अर्थात अब इस द्वारसे विशिष्ट लोग प्रवेश नहीं कर पाएंगें ।

देश-विदेशके कोने-कोनेसे आनेवाले विशिष्ट व्यक्ति इस द्वारके द्वारा भगवानके मंदिरतक पहुंचा करते थे, जिसके कारण कई बार अव्यवस्थाकी स्थिति उत्पन्न हो जाती थी । देशके भिन्न-२ राज्योंसे विधायक, सांसद, मंत्री, अधिकारी भगवान बदरी-विशालके दर्शन इसी द्वारसे करते थे । इनसे बचनेके लिए मंदिर समितिने इस द्वारको बंद कर दिया है । अब सभीको भगवानके दर्शन करनेके लिए पंक्तिमें लगना होगा । हां यह बात अवश्य है कि अति विशिष्ट लोगोंके लिए इस द्वारकी व्यवस्था बनी रहेगी ।

“देवालयोंमें किसीके लिए भी किसी विशिष्ट द्वारकी व्यवस्था नहीं होनी चाहिए । इससे न केवल अव्यवस्था उत्पन्न होती है, वरन देव शक्तियोंका अपमान भी होता है । ईश्वर ऐसे अनेक नेता बनाते और बिगाडते हैं तो सभीने एक समान भाव और ढंगसे ही जाना चाहिए, न कि अपने अहंका प्रदर्शन करने ! आगामी हिन्दू राष्ट्रमें देवालयोंसे यह व्यवस्था सबके लिए बन्द की जाएगी ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

स्रोत : राज्य समीक्षा



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