जुलाई २, २०१८
भारतमें जब कोई विद्यालय ‘स्कर्ट’ प्रतिबन्धित करनेकी बात करते हैं तो समाजमें उसका भारी विरोध होता है; लेकिन इस बार इंग्लैण्डके विद्यालयमें छात्राओंके ‘स्कर्ट’ पहननेपर प्रतिबन्ध लगानेकी तैयारी है । विद्यालयी छात्राओंके लिए पोशाकके रूपमें ‘स्कर्ट’का विकल्प शीघ्र ही समाप्त होने जा रहा है; क्योंकि समूचे ब्रिटेनके अधिकतर विद्यालय लैंगिक भेदभावसे परे पोशाक (यूनिफॉर्म) नीति अपना रहे हैं ।
‘सण्डे टाइम्स’के विद्यालयोंमें ‘यूनिफॉर्म नीति’के विश्लेषणके अनुसार ‘कम से कम’ ४० माध्यमिक विद्यालयोंने छात्राओंके ‘स्कर्ट’ पहननेपर प्रतिबन्ध लगा दिया है, जबकि अन्य विद्यालय भी इस प्रकरणमें विचार कर रहे हैं । विद्यालय विपरीतलिंगके (ट्रांसजेण्डर) व्यक्तियोंकी आवश्यकताओंको ध्यानमें रखना चाहते हैं; इसलिए सभीके लिए ‘ट्राउजर नीति:को अपनाया जा रहा है ।
विद्यालयोंने ऐसे समय यह पग उठाया है, जब ब्रिटेन शासन देशके ‘जेण्डर रिकग्निशन एक्ट’में बदलावकेद्वारा विपरीतलिंगके (ट्रांसजेण्डर) लोगोंके अधिकारोंको स्पष्ट करनेके लिए सज्ज है ।
‘ईस्ट ससेक्स’के लेवेसमें ‘प्रॉयरी विद्यालय’ने गत वर्ष ‘स्कर्ट’ पहननेपर प्रतिबन्ध लगा दिया था । विद्यालयका कहना है कि लोग यह प्रश्न करते थे कि छात्रों और छात्राओंके लिए पोशाक भिन्न-भिन्न क्यों है ? साथ ही उनका कहना था कि विपरीतलिंगके छात्रोंकी आवश्यकताओंका भी ध्यान रखा जाना चाहिए ।
‘कोपलेस्टन हाई विद्यालय’ने ‘स्कर्ट’को अस्वीकार्य वस्तुओंकी सूचीमें रखा है । इसमें अन्य चीजें हैं ‘चिपकी हुई जीन्स’ और ‘चेहरेपर छेदन’ ।
स्रोत : जी न्यूज
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