नवम्बर २७, २०१८
एक इस्लामिक शिक्षक दो छात्राओंको अरबी पढानेके नामपर उनका यौन शोषण करता रहा ! ४६ वर्षके इमाम फारुक अहमदको इस प्रकरणमें १४ वर्षका कारखवासका दण्ड दिया गया है । उसपर आरोप सिद्ध हुआ है कि वर्ष २००९ से वर्ष २०११ के मध्य उसने दो बच्चियोंके साथ दुष्कर्म किया है । इंग्लैण्डकी ‘Wolverhampton Crown Court’में इसकी सुनवाई की गई । सुनवाईके समय यह भी ज्ञात हुआ कि यह इस्लामिक अध्यापक इन बच्चियोंको धमकाता भी था । जालस्थल ‘डेली मेल’के अनुसार इसका प्रकटीकरण वर्ष २०१६ में उस समय हुआ जब एक पीडित बच्चीने मेंटल हेल्थ नर्सको अपने साथ हुई इस भयानक कृत्यके बारेमें बताया । यद्यपि आरम्भ में इस अध्यापकने पुलिसके सामने उसने इन दोनों बालिकाओंको शिक्षा दी है, परन्तु दुष्कर्मके आरोपोंको नकार दिया ।
इसके पश्चात फरवरी २०१७ में इमाम फारुखको यौन शोषणके लिए बन्दी बनाया गया । जांचमें इसका सत्य सामने आया और न्यायालयने गत शुक्रवार १४ वर्षके कारावासका दण्ड दिया ।
“जो तथाकथित पन्थ (धर्म) मरणोपरान्त भी हूरोंके स्वप्न दिखाता है, जहां महिलाको केवल भोगकी वस्तु मात्र समझा जाता है, वहां ऐसे दुष्कृत्योंका होना साधारण बात ही होगी !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जनसत्ता
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