अमेरिकाने ईरानपर पुनः कडे प्रतिबन्ध लगा दिए हैं ! इन प्रतिबन्धोंको बहुपक्षीय परमाणु सन्धिके पश्चात हटाया गया था । मईमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्पने अमेरिकाकी परमाणु सन्धिसे बाहर होनेकी घोषणा की थी । अमेरिकी प्रतिबन्धोंके प्रथम चरणमें ईरानकी अमेरिकी मुद्रातक पहुंच तथा वाहन और कालीन सहित अन्य प्रमुख उद्योगोंको लक्ष्य बनाया गया है । ईरान पहलेसे ही प्रतिबन्धके प्रभावका सामना कर रहा है । ट्रम्पद्वारा सन्धिसे बाहर निकलनेकी घोषणाके पश्चात उसकी मुद्रा ‘रियाल’का मूल्य लगभग आधा रह गया !
ट्रम्पने परमाणु सन्धिपर लक्ष्य साधते हुये इसे “भयानक, एकपक्षीय सन्धि” कहा है !
ट्रम्पने कल एक बार पुनः परमाणु सन्धिपर लक्ष्य साधते हुए इसे “भयानक, एकपक्षीय सन्धि” कहा है । उन्होंने कहा कि यह सन्धि ईरानके परमाणु विस्फोटक बनानेके सभी मार्गोंको अवरुद्ध करनेके मौलिक उद्देश्यको प्राप्त करनेमें असफल रहा है । ट्रम्पने कल जारी कार्यकारी आदेशमें कहा कि मिसाइलके विकास और क्षेत्रमें घातक गतिविधियोंके ‘व्यापक और स्थायी समाधान’के लिए ईरानपर वित्तीय दबाव डाला गया है । यूरोपीय संघकी राजनयिक प्रमुख फेडेरिका मोगेरिनीने कहा कि अमेरिकाके पुनः प्रतिबध लगानेपर ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित समूहके अन्य देशोंने दुःख प्रकट किया है ।
अमेरिकी अर्थदण्डके भयसे कई बडे उद्योग ईरानसे बाहर जा रहे है ! ट्रम्पने ईरानके साथ व्यापार जारी रखने वाले उद्योग और लोगोंको ‘गम्भीर परिणाम’ भुगतनेकी चेतावनी दी है ! अमेरिकी प्रतिबन्धोंका द्वितीय चरण ५ नवम्बरसे प्रभावी होगा और इससे ईरानके कच्चे तेलके विक्रयपर प्रतिबन्ध लगेगा ।
यह स्थिति भारत, चीन और तुर्की जैसे कई देशोंको अत्यधिक हानि पहुंचाएगी । ईरानके विदेश मन्त्री मोहम्मद जावद जरीफने कहा कि ट्रम्पके इस निर्णयसे अमेरिका विश्वमें “अलग-थलग” पड गया है । यद्यपि, उन्होंने माना कि प्रतिबन्धोंसे कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकता है ।
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