नवम्बर ३, २०१८
इस्लामाबाद: तालिबानके गॉडफादर माने जाने वाले प्रमुख पाकिस्तानी मौलाना समीउल हककी शुक्रवार, २ नवम्बरको रावलपिंडीमें उनके घरमें चाकू मारकर हत्या कर दी गई । यह जानकारी उनके परिवारने दी । ८२ वर्षीय हक खैबर पख्तूनख्वाके अकोरा खट्टक नगरमें इस्लामी मदरसे दारुल उलूम हक्कानियाके प्रमुख और कट्टरपंथी राजनीतिक दल ‘जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-सामी’के (जेयूआई-एस) अध्यक्ष थे ।
जिओ समाचार वाहिनीने उनके पुत्र मौलाना हमीदुल हकके सन्दर्भसे कहा कि अज्ञात आक्रमणकारियोंने समीउल हककी उस समय हत्या कर दी, जब वह अपने कक्षमें विश्राम कर रहे थे । हमीदुलने कहा कि उनके पिताका निजी सुरक्षाकर्मी बाजार गया हुआ था । जब वह वापस आया तो उसने समीउलको रक्तरंजित अवस्थामें देखा ।
जेयूआई-एसके पेशावर अध्यक्षने भी रावलपिंडीमें आक्रमणमें हककी मृत्युकी पुष्टि की है । आरम्भमें इस बारेमें विरोधाभासी समाचार थीं कि हककी हत्या किसप्रकार से हुई । पाकिस्तानके कुछ समाचार माध्यम संगठनोंने कहा था कि वह बंदूक आक्रमणमें मारे गए । बादमें हकके पुत्रने स्पष्ट किया है कि धर्मगुरु चाकूसे आक्रमणमें मारे गए ।
समीउल हक प्रथमबार १९८५ में सीनेटर चुने गए थे । उसके पश्चात् वे १९९१ में भी सीनेटर चुने गए । पाकिस्तानमें इमरान खानके सत्तामें आनेके पश्चात् उन्होंने कहा था कि वे उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं । गत दिवसोंमें अफगानिस्तानके उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलने खैबर पख्तूनख्वाशमें उनसे भेंट की थी । प्रतिनिधिमंडलने उनसे विनती की थी कि वे तालिबानके भिन्न-भिन्न समूहोंसे बात करें, क्योंकि उन्हें ‘फादर ऑफ तालिबान’ कहा जाता है !
“जो हम प्रकृतिको देते हैं, वहीं हमारे पास पुनः वापस आता है, यही प्रकृतिका विधान है तो समूचे विश्वको अशांत कर कोई शान्ति कैसे पा सकता है ?”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जी न्यूज
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