नवम्बर १९, २०१८
इण्डोनेशियाके गुप्तचर विभागने सोमवार, १९ नवम्बरको बताया कि इंडोनेशियाकी दर्जनों मस्जिदें, जिनमें सरकारी कर्मचारी जाते हैं, वो कट्टरता प्रसारित कर रही हैं और गैर-मुस्लिमोंके विरुद्घ हिंसाके लिए कहती हैं ! विभागके इस विवरणसे छह माह पूर्व ही देशके दूसरे सबसे बडे नगर सुरबायामें कई गिरिजाघरोंमें रविवारकी प्रार्थनाके मध्य आत्मघाती विस्फोट हुए थे, जिनमें एक दर्जन लोग मारे गए थे ! वो लगभग एक दशकमें हुए सबसे भयावह आतंकी आक्रमण थे और विश्वके सबसे बडे मुस्लिम बहुल देशमें उस घटनाने धार्मिक असहिष्णुताको उजागर किया था ।
इण्डोनेशिया स्टेट इंटेलीजेंस विभागने सोमवारको कहा कि उसने जुलाईसे इस दक्षिण पूर्व एशियाई द्वीप समूहकी लगभग एक सहस्त्र मस्जिदोंमें पडताल की और ज्ञात हुआ कि जकार्ताके निकट लगभग ४१ मस्जिदोंके इमाम नमाजियोंको कट्टरताका पाठ पढा रहे थे और इन लोगोंमें अधिकतर सरकारी सेवक थे, जो निकटवर्ती सरकारी मंत्रालयोंमें कार्यरत हैं ।
विभागने पाया कि लगभग १७ मौलानाओंने ‘इस्लामिक स्टेट’के लिए समर्थन या सहानुभूति प्रकट की और लोगोंको सीरिया तथा मरावीमें जिहादी समूहके लिए संघर्षको उकसाया ! विभागके प्रवक्ता वावन पुरवंतोने एएफपीसे कहा, ‘‘इन मस्जिदोंमें जाने वाले अधिकतर लोग सरकारी कर्मचारी हैं, इसलिए यह बात चिंताजनक है !
“इसी समस्याके चलते विश्वके अनेक देश मस्जिदोंपर प्रतिबन्ध लगा चुके हैं । भारतमें प्रायः इसप्रकारके प्रकरण आते रहते हैं; अतः भारतीय प्रशासन भी इस राष्ट्रीय सुरक्षाके प्रकरणमें कठोर निर्णय लेकर कार्यवाही करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : जी न्यूज
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