काबुल. आत्मघाती हमलावर और बंदूकधारियों ने सुनियोजित तरीके से यहां के पुलिस स्टेशनों पर बुधवार को हमले किए। इन हमलों में कम से कम 5 लोगों के मारे जाने की खबर है। दोपहर को यहां एक धमाका हुआ और इसके बाद ही पुलिस स्टेशन पर फायरिंग की आवाज सुनी गई। तालिबान और इस्लामिक स्टेट के संगठनों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन, अफगान अधिकारियों का कहना है कि इसके पीछे हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। गृहमंत्री वैस बरमाक ने कहा कि जिस सड़क पर हमला हुआ, उस पर एक ट्रैवल एजेंसी का ऑफिस भी है और यहां 300 लोग जमा थे। अगर पुलिस ने आतंकियों को यहां पहुंचने से ना रोका होता तो हालात भयानक होते।
मृतकों में दो पुलिसवाले भी शामिल
– स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वहीद मजरोह ने बताया कि बुधवार को हुए हमले में कम से कम 5 लोगों की जान गई और 17 लोग घायल हुए हैं। उधर, गृहमंत्रालय ने बताया कि मृतकों में दो पुलिसवाले भी शामिल हैं, हालांकि मंत्रालय ने ये जानकारी नहीं दी कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में ही ये मौतें शामिल हैं या फिर ये अलग आंकड़े हैं।
तीन हमलावर मारे गए
गृहमंत्री ने बताया कि 3 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। उन्होंने कहा कि हमलावर पुलिस परिसर में घुसे और उन्होंने ग्रेनड से हमला किया। इन हमलावरों ने एक रूम में आग भी लगा दी। उन्होंने इस हमले में 2 पुलिसवालों के मारे जाने और 2 के घायल होने की बात कही।
– उधर, स्वास्थ्य विभाग ने इसी घटना में 4 लोगों के मारे जाने और 9 लोगों के घायल होने की बात कही है।
– दूसरा हमला शेर-ए-नॉ पुलिस स्टेशन के सामने किया गया।
– गृहमंत्री बरमाक ने कहा कि एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इसी दौरान एक कार से 4 दूसरे हमलावर भी करीब ही उतर गए। इनमें से एक को पुलिस ने मार गिराया और दूसरों की तलाश जारी है।
– स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इस हमले में एक शख्स मारा गया और 8 घायल हैं।
इमारत में छिपे आतंकी, तलाश जारी
पुलिस प्रवक्ता हश्मतुल्लाह इस्तानाकजई ने कहा, “जिस इमारत में आतंकवादी घुसे हैं, उसके आसपास का इलाका खाली करा लिया गया। लेकिन, ये निश्चित नहीं हुआ है कि जिस इमारत में आतंकी हैं, उसमें आम आदमी भी फंसे हुए हैं या नहीं।”
– गृहमंत्री ने कहा कि अगर पुलिस आतंकियों को नहीं रोकती तो वे शहीर ट्रैवल एजेंसी तरह पहुंच जाते, जहां करीब 300 लोग जमा थे। ऐसे में ये भयानक हालात होते।”
– बता दें कि जिस सड़क पर शेर-ए-नॉ पुलिस स्टेशन स्थित है, उस पर शहीर ट्रैवल एजेंसी का ऑफिस भी है। ये एजेंसी भारतीय वीजा के लिए एप्लीकेशन देने वालों के साथ डील करती है। इससे पहले भी अफगानिस्तान में भारतीय दूतावासों और राजनयिकों को तालिबान ने निशाना बनाया है।
अफगानिस्तान में बढ़े आतंकी हमले
– अफगानिस्तान में बीते कुछ दिनों में आतंकी हमले बढ़े हैं। 6 मई को एक मस्जिद में बने वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर में हुए ब्लास्ट में 15 लोगों की मौत हुई थी।
– पिछले महीने अप्रैल में भी वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले में 48 लोग मारे गए थे, जबकि 112 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
चुनाव के ऐलान के बाद आतंकी हमलों में तेजी आई
– अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए 4 अप्रैल को वोटर रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था। इसके एलान के बाद से ही पूरे अफगानिस्तान में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी देखी गई। आतंकी चुनावों में अड़चन डालने के लिए अफसरों और चुनाव अधिकारियों को भी अगवा कर रहे हैं
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