पाकिस्तानी जासूस ने अपनी ही एजेंसी पर लगाया आतंकियों को ‘संरक्षण’ देने का आरोप
पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के सेवारत सहायक सब इंस्पेक्टर मलिक मुख्तार अहमद शहजाद ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने अपनी ही खुफिया एजेंसी पर आतंकवादियों को ‘संरक्षण’ देने का आरोप लगाया और इसकी विस्तृत जांच के लिए यहां की अदालत में एक याचिका दायर की. मीडिया रिपोर्ट में आज इसकी जानकारी दी गई. पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के सेवारत सहायक सब इंस्पेक्टर मलिक मुख्तार अहमद शहजाद ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है.
‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) में दायर याचिका में शहजाद ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले की विस्तृत जांच के लिए इसे इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को भेजा जाए. अखबार ने अदालत के अधिकारी के हवाले से लिखा कि आईएचसी रजिस्ट्रार के दफ्तर ने सुनवाई के लिये याचिका जस्टिस आमिर फारूक के समक्ष सूचीबद्ध किया जिन्होंने कल मामला चीफ जस्टिस मोहम्मद अनवर खान कासी को यह कहकर भेज दिया कि चूंकि उनकी अदालत में ऐसा ही एक मामला लंबित है इसलिए इसे जस्टिस शौकत अजीज को भेजा जा सकता है.
अपने वकील मसरूर शाह के मार्फत से दायर याचिका में शहजाद ने दावा किया कि उन्होंने विभिन्न देशों के आतंकवादी समूहों के खिलाफ रिपोर्ट की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिका में कहा गया, ‘याचिकाकर्ता ने स्पष्ट तौर पर निराशा जताते हुए कहा कि खुफिया रिपोर्ट के रूप में ठोस सबूत मुहैया कराने के बावजूद आईबी ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की.’
इसके अनुसार, ‘खुफिया सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है कि आईबी के उच्च अधिकारी खुद उन आतंकवादी संगठनों के साथ संलिप्त हैं, जिनका दुश्मन की खुफिया एजेंसियों के साथ संपर्क है.’ इसमें कहा गया कि मामला आईबी महानिदेशक को रिपोर्ट की गई लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया. इसमें दावा किया गया कि इजरायल जाने वाले आईबी अधिकारियों का अफगान इंटेलिजेंस से सीधा संपर्क था. बाद में यह पता चला कि अफगान इंटेलिजेंस के कजाकिस्तान के अन्य आतंकवादी समूह के साथ संपर्क था.
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