जुलाई २६, २०१८
अमेरिकाने पाकिस्तानके मतदानकी निष्पक्षतापर सन्देह प्रकट किया है । इन मतदानमें इमरान खानके दलको सेनाका समर्थन मिला, जबकि ‘पीएमएल – एन’ और ‘पीपीपी’ने प्रतिबन्धोंमें अपना प्रचार किया ! ट्रम्प प्रशासनने कहा कि वह पाकिस्तानमें स्थितिकी देखरेख कर रहा है, लेकिन मतदानको ‘स्वतन्त्र और निष्पक्ष’ घोषित करनेसे मना कर दिया । विदेश विभागने भी इसकी पुष्टि करनेसे मना कर दिया । पाकिस्तानमें अमेरिकी मिशनने मुख्यत: सुरक्षा कारणोंसे अपने मतदान पर्यवेक्षकोंको तैनात नहीं किया था । विदेश विभागके एक प्रवक्ताने बताया, “हम निरन्तर घटनाक्रमपर दृष्टि रखे हुए हैं और निरन्तर यह कह रहे हैं कि हम पाकिस्तानमें स्वतन्त्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और उत्तरदायी मतदानका समर्थन करते हैं । पूरे विश्वमें भी हम इसीका समर्थन करते हैं।” अमेरिकामें पाकिस्तानके राजदूत रहे हुसैन हक्कानीने कहा कि मतदानका परिणाम पूर्वनिर्धारित थे । उन्होंने कहा कि ‘पीएमएल – एन’ और ‘पीपीपी’ने प्रतिबन्दमें अपना अभियान चलाया, जबकि ‘पीटीआई’ने स्वतन्त्र रूपसे प्रचार किया और शासकीय प्रतिष्ठान उसका साथ दे रहे थे । ‘हडसन इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक’से सम्ब्न्धित हक्कानीने कहा कि परिणामसे पाकिस्तानमें कुछ बदलनेकी सम्भावना नहीं है ।
जब तक सेनाकी अगुवाई वाले प्रतिष्ठान ‘जिहादी’ गतिविधियां बन्द कर उन्हें देशके लिए अनुचित और आर्थिक परेशानियोंका कारण नहीं मान लेते, कुछ नहीं बदलने वाला है ! उन्होंने कहा कि जिहादियोंके उद्देश्यके लिए इमरान खानकी सहानुभूति देखते हुए इसकी सम्भावना नहीं है कि प्रधानमन्त्रीके रूपमें वह जिहादियोंके विरुद्ध निर्णायक रूपसे कार्यवाही करेंगे; लेकिन चमत्कारकी आशाकी जा सकती है !
स्रोत : जी न्यूज
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