आइएस आतंकीकी जिहादी पत्नीका विषकारी वक्तव्य, ‘सेक्‍स गुलामों’के साथ दुष्कर्म कुरानकी आज्ञानुसार है !


मार्च १८, २०१९

 

आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट इराक एंड सीरिया’ (आईएसआईएस) संगठनसे जुडे आतंकीकी पत्नीने यजीदी गुलाम महिलाओंसे दुष्कर्मको योग्य बताया है । महिलाने कहा कि ‘सेक्स गुलामों’के रूपमें यजीदी महिलाओंसे दुष्कर्म किया जा सकता है; क्योंकि युद्ध बन्दियोंको कुरआनमें सम्पत्ति बताया गया है । यद्यपि अपने इस कथनसे पूर्व महिलाने कहा कि उसने स्वयं कुरआनमें यह बात नहीं पढी है । डेली मेलमें प्रकाशित समाचारके अनुसार अज्ञात महिला एक अन्य महिलासे बात कर रही थी, जिसमें महिलाने उससे पूछा कि यजीदी महिलाओं संग किसप्रकार व्यवहार किया जाता है । ‘डेली मेल’ने लिखा कि महिलाने भ्रमणभाष यन्त्रके कैमरेपर बात करते हुए यह बात कही । उसने कुरआनकी अपनी व्याख्याको यजीदी महिलाओंसे दुष्कर्म और हत्याके रूप वर्णित किया, जिन्हें ‘सेक्स गुलाम’के रूपमें ले जाया गया था ।

आतंकीकी पत्नीने कहा, “क्योंकि मुसलमानमें पवित्र पुस्तक कुरआनमें युद्ध बन्दियोंको सम्पत्तिके रूपमें परिभाषित किया गया है, उनका प्रयोग वस्तुओंके रूपमें किया जा सकता है !” महिलासे जब पूछा गया कि क्या कुरआनमें वास्तवमें ऐसा सचमुच लिखा गया है ? तो महिलाने कहा कि इस्लामिक पुस्तकके बारेमें उसे अधिक जानकारी नहीं है ।


“विश्वके सभी विक्षिप्त मानसिकताके जिहादी स्वनिर्मित हवाई बातोंपर चल रहे हैं । तभी तो वे ऐसे जघन्य कृत्य कर पाते हैं, जो किसी भी मानवके लिए सोचना भी कठिन है । इस्लाम, शरियत और कुरानके नामपर जिहादियोंने लगभग सभी राष्ट्रोंमें आतंक प्रसारित किया हुआ है । कोई भी धर्म ईश्वरसे एक होनेकी बात करता है, ईश्वरकी बातें करता है और विचित्र है कि इस्लामका बल केवल काफिर, मारना-काटना, हलाल करना, जिहाद आदि इन्हीं सबपर समाप्त हो जाता है । ऐसे तो प्रत्येक धर्म और पवित्र पुस्तकें ईश्वरकी रासकी ओर अग्रसर ही करती है; परन्तु यदि कोई पुस्तक वास्तवमें यही सब बाते करती है तो ऐसी पुस्तकोंका लुप्त हो जाना ही मानव सभ्यताके लिए उत्तम होगा !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 

स्रोत : जनसत्ता



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