पाकिस्तानकी निकृष्टता, निर्धन ईसाई युवतियोंको चीनी अय्याशोंको विक्रय कर रहा है पाकिस्तान !!


मई ६, २०१९

पाकिस्तानने स्वयंको जिसप्रकारसे चीनके पगमें रख दिया है, वह विश्व भरके साथ-साथ कई इस्लामिक देशोंको भी रास नहीं आ रहा है; क्योंकि वहीं चीन अपने देशमें मुसलमानोंके साथ ऐसा अत्याचार कर रहा है, जो शेष देश सोच भी नहीं सकते हैं । इतनेके पश्चात भी कई इस्लामिक देश पाकिस्तान और चीनसे इसलिए जुडे हैं; क्योंकि वो भारतके विरुद्घ एक अघोषित युद्ध छेडे हैं, जिसमे उसका शस्त्र हैं इस्लामिक आतंकी, जो मानव बमतक बन जाया करते हैं !

पाकिस्तानमें निर्धन ईसाई लडकियोंको चीनके अय्याशोंके हाथों विक्रय किया जा रहा है और चीनी लोगोंको उनकी वासनाकी सन्तुष्टिका एक साधन उपलब्ध करवाया जा रहा है !!! ‘गल्फ न्यूज’में प्रकाशित समाचारके अनुसार साधारणतया ऐसे दूल्हे निर्धन ईसाई लडकियोंको लक्ष्य बनाते हैं ।

इन लडकियोंको अच्छे भविष्य और जीवनका स्वप्न दिखाकर और कुछ पैसोंका लालच देकर उन्हें लक्ष्य बनाया जाता है । कई बार इन लडकियोंको देह व्यापार और मानव तस्करीके दलदलमें भी धकेल दिया जाता है ! ‘चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर’ निर्माणके पश्चात २०१५ से कई चीनी नागरिक पाकिस्तानमें रह रहे हैं । इनमेंसे कुछके पास तो घर और वाहन भी होता है । विवरणके अनुसार ‘कई चीनी युवक यहां आजीविका (रोजगार) नहीं, किसी दूसरे ही उद्देश्यसे आते हैं ।

बहुतसे चीनके लडकोंने पाकिस्तानी लडकियोंसे विवाह किया और उन्हें चीनमें सेक्स व्यापारमें धकेल दिया । कुछको तो मानव अंगोंकी तस्करीके लिए भी प्रयोग किया गया । इतना ही नहीं, पाकमें उपस्थित चाइनीज दूतावासने भी एक वक्तव्य जारीकर निर्देश दिए हैं । चाइनीज दूतावासकी ओरसे जारी निर्देशके अनुसार स्थानीय नागरिकोंको अवैधानिक युग्म-मिलन केन्द्रसे (मैचमेकिंग सेंटरों) वैवाहिक सम्बन्ध नहीं करनेका सुझाव दिया है ।

 

“कुछ पैसोंके लिए और अपने उन्मादकी सन्तुष्टिके लिए कोई देश इतना नीचे कैसे गिर सकता है ? पाकिस्तानके इस कृत्यके लिए सार्वजनिक रूपसे सभी राष्ट्रोंद्वारा बहिष्कार होना चाहिए और इमरान खानको भी उत्तर देना चाहिए कि यदि वे देशकी न ही हिन्दू युवतियों और न ही ईसाई युवतियोंकी रक्षा कर पा रहे हैं तो उन्हें प्रधानमन्त्री बने रहनेका क्या अधिकार है ? और संयुक्त राष्ट्रको भी इस प्रकरणमें हस्तक्षेप करना चाहिए कि जब पाकिस्तान मुसलमानोंके अतिरिक्त किसीको रखना ही नहीं चाहता है तो उसे स्वयंको धर्मनिरपेक्ष नहीं वरन इस्लामिक राष्ट्र घोषित करना चाहिए  ।”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ

 


स्रोत : सुदर्शन न्यूज

 



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