फरवरी १७, २०१९
एक ओर भारतमें अनेकानेक राष्ट्रद्रोही ‘आतंकका कोई धर्म नहीं, राष्ट्र नहीं’, ऐसे वक्तव्य देते हैं; परन्तु तसलीमा नसरीनने ऐसे ही लोगोको प्रखर उत्तर दिया है; क्योंकि वो अच्छेसे जानती हैं कि आतंकवादका धर्म होता है या नहीं !
तस्लीमाका ट्वीट :
“Don’t say terrorism has nothing to do with religion. The truth is, terrorism has lots of things to do with religion.
Young Muslims get radicalized&desperate to go to heaven by killing kaffirs. Islamic states&societies need2be secularized.A strong progressive movement is necessary2 inspire ppl2 hv rational logical mind instead of irrational blind faith, to believe in humanism, but not in barbarism.”
तसलीमाने कहा कि ऐसा न कहो कि आतंकवादका कोई धर्म नहीं होता, वास्तवमें धर्मसे ही आतंकवादका बहुत कुछ लेना-देना होता है ! युवा मुसलमान काफिरोंको मारकर जन्नतमें जानेको आतुर रहते हैं !
अब आतंकी स्वयं ही अपना धर्म बताते हैं, स्वयं ही उद्घोषकर आतंकी आक्रमण करते हैं, जबकि उनके संरक्षक आकर लोगोंको यह कहते हैं कि आतंकवादका कोई धर्म नहीं होता और अब कुछ आतंक संरक्षक तो आतंकवादका कोई देश नहीं होता वाली बात भी कहने लग गए हैं !!
“इस समूचे विश्वमें कुछ ही मुस्लिम बुद्धिजीवि व विवेकशील हैं, जो इस्लामके अनुचित कृत्योंकी भर्तस्ना करते हैं ! तस्लीमाजी उन्हींमेंसे एक हैं, जो इस्लामकी बुराइयोंके विरुद्घ मुखर होकर बोलती हैं ! ऐसे विवेकशील जन अभिनन्दनके पात्र हैं; परन्तु दुःखद है कि हिन्दू धर्ममें जन्म लेनेके पश्चात भी कई बुद्धिहीन राष्ट्रद्रोहियोंको न आतंकका देश समझमें आता है और न धर्म और उससे भी विचित्र यह है कि जो बात तस्लीमा जैसे विवेकशील मुस्लिमोंको समझ आती है, वो भारत शासन आजतक समझ नहीं पाया है !” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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