मार्च २८, २०१९
पुलवामा आक्रमणका दोषी और पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’के मुखियख मसूद अजहरपर प्रतिबंध लगानेको लेकर अब अमेरिका सीधा आ गया है । २७ मार्च २०१९ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषदमें मसूद अजहरको प्रतिबन्ध करनेका प्रस्ताव अमेरिकाद्वारा दिया गया । प्रमुख बात यह भी कि अमेरिकाके इस प्रस्तावका फ्रांस और ब्रिटेनने समर्थन भी कर दिया है ।
अमेरिकाने यह प्रस्ताव ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’के १५ सदस्यीय परिषदको दिया है । इसमें कहा गया है कि मसूद अजहरपर प्रतिबन्ध शीघ्रातिशीघ्र लगाया जाना चाहिए । आतंकी मसूदपर प्रस्तावमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि उसकी संपत्तियां अधिकृत करनेके साथ-साथ उसकी विदेश यात्राओंपर प्रतिबन्ध लगाया जाए ।
भारतके लिए यह एक बडी कूटनीतिक विजय मानी जा रही है । यद्यपि अभीतक यह स्पष्ट नहीं है कि इस प्रस्तावपर मतदान कब होगा । चीनद्वारा इस प्रस्तावके विरुद्घ पुनः वीटो लगानेकी आशंकाको देखते हुए अमेरिकाने उसे भी कडे शब्दोंमें चेतावनी दी है । कूटनीतिक चाल चलते हुए अमेरिकाके विदेश मन्त्री माइक पॉम्पियोने चीनकी आन्तरिक नीतियों और हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहोंपर दोहरे मापदण्डका आरोप लगाया ।
माइक पॉम्पियोने कहा कि चीन अपने यहां लाखों मुसलमानोंको प्रताडित करता है; परन्तु वीटोका आश्रय लेकर हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहोंको संयुक्त राष्ट्र प्रतिबन्धसे बचाता है ।
“चीनकी दोहरी नीति अब विश्वके समक्ष उजागर हो चुकी है । एक ओर चीन आतंकियोंको लेकर चिन्ता प्रकट कर रहा है तो दूसरी ओर आतंकियोंका समर्थन !! सभी राष्ट्र भी अब चीनके विरूद्ध खडे हो एवं आतंकियों व आतंक समर्थक देशोंका मुखर होकर विरोध करें !”- सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इण्डिया
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