लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार अब्दुल्लाह ने खुलासा किया है कि बांग्लादेश के कई युवक पढ़ाई के नाम पर अवैध रूप से भारत आते हैं और दलालों की मदद से यहां का पहचान पत्र बनवा लेते हैं. एटीएस प्रवक्ता ने बुधवार (9 अगस्त) को बताया कि अब्दुल्लाह ने पूछताछ के दौरान बताया, ‘बांग्लादेश के कई युवक पढाई के नाम पर त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल के रास्ते अवैध रूप से यहां हिन्दुस्तान आ जाते हैं और फिर दलाल या अन्य लोगों की मदद से यहां का पहचान पत्र बनवा लेते हैं.’ प्रवक्ता के मुताबिक अब्दुल्लाह ने बताया कि वह स्वयं भी 2011 में त्रिपुरा सीमा से होकर आया था. उन्होंने बताया कि सहारनपुर में पासपोर्ट बनवाने के लिए उसने 9000 रुपये देने की बात कबूली है. जिस व्यक्ति के माध्यम से पासपोर्ट बनवाया गया, उसकी तलाश की जा रही है.प्रवक्ता ने बताया कि अब्दुल्लाह ने अपना मतदाता पहचान पत्र असम के बंगईगांव जिले में अभयपुरी थानाक्षेत्र के नासत्रा गांव से बनवाया बताया है. इस बारे में जानकारी के लिए असम पुलिस से संपर्क किया गया. उन्होंने बताया कि बंगईगांव के पुलिस अधीक्षक ने पत्र के जरिए सूचित किया है कि जांच के बाद पता चला कि अब्दुल्लाह अल मामून नामक किसी व्यक्ति का अभयपुरी थानाक्षेत्र के नासत्रा गांव में रहना नहीं पाया गया. एटीएस के उपाधीक्षक हृदेश कठेरिया के नेतृत्व में अब्दुल्लाह से पूछताछ जारी है. अब्दुल्लाह को एटीएस ने रविवार को राज्य के मुजफ्फरनगर जिले से गिरफ्तार किया था.
एटीएस प्रवक्ता ने बताया कि अब्दुल्लाह को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया और उसे विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट छवि अस्थाना की अदालत में मंगलवार (8 अगस्त) को पेश किया गया. अदालत ने उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. बांग्लादेशी नागरिक अब्दुल्लाह को एटीएस ने आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में मुजफ्फरनगर जिले के कुटेसरा क्षेत्र में गिरफ्तार किया था. शुरुआती पूछताछ में पता लगा कि अब्दुल्लाह बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘अन्सारुल्ला बांग्ला टीम’ से जुड़ा है. अन्सारुल्ला बांग्ला टीम कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन द्वारा गठित किये गये आतंकवादी संगठन ‘अलकायदा’ से प्रेरित तन्जीम बतायी जाती है.
बांग्लादेश के मोमिन शाही जिले के हुसनपुर गांव का रहने वाला अब्दुल्लाह पिछले करीब एक महीने से मुजफ्फरनगर के कुटेसरा में रह रहा था. इससे पहले वह सहारनपुर जिले के देवबंद थाना क्षेत्र स्थित अम्बेहटा शेख इलाके में रह रहा था. वहीं पर उसने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था. अब्दुल्लाह के कब्जे से फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट, चार मोहरें तथा 13 पहचान पत्र बरामद किये गये हैं.
अब्दुल्लाह ने प्रारम्भिक पूछताछ में बताया कि वह देवबंद में रहकर बांग्लादेश निवासी फैजान की मदद से आतंकवादियों, खासकर बांग्लादेशी आतंकवादियों को फर्जी पहचान-पत्र तैयार करा कर भारत में सुरक्षित रूप से रहने में सहायता कर रहा था. एटीएस ने बताया कि पिता की चार संतानों में सबसे छोटा अब्दुल्लाह 2011 में पहली बार भारत आया और दारूल उलूम में प्रवेश परीक्षा दी लेकिन उसका प्रवेश नहीं हो पाया. अगस्त 2011 से 2015 तक मदरसा जामिल उलूम कुटेसरा, जामिया महमूदिया मदरसा मुजफ्फरनगर, मदरसा जामिया शेख देवबंद तथा मदरसा दारूल उलूम वक्फ देवबंद से मौलवियत और अरबी की पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद 2015 के अंत से जून 2017 तक सहारनपुर जिले में देवबंद थानाक्षेत्र के अंबेहटा शेख तथा उसके बाद मुजफ्फरनगर जिले में चरथावल थानाक्षेत्र के कुटेसरा मस्जिद में मौलाना रहा.
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