वर्तमानकालमें वर्ण व्यवस्था अनुसार हिन्दू अपना धर्मपालन नहीं करते हैं; किन्तु अपनी जातिपर अनावश्यक गर्व अवश्य ही करते हैं । इसी वृत्तिने समाजकी यह दुर्दशा कर दी है । हमारे धर्मशास्त्रोंमें प्रत्येक वर्णके लिए उनका धर्म क्या है ? यह स्पष्ट रूपसे बताया गया है और जबतक हिन्दू समाज अपने वर्ण धर्म अनुसार कर्तव्योंका पालन […]
पूजनीया महाभागा: पुण्याश्च गृहदीप्तय: । स्त्रियः श्रियो गृह्स्योक्तास्तस्माद्रक्ष्या विशेषतः ॥ हिन्दू धर्ममें स्त्रियोंको कितना उच्च स्थान प्राप्त है उपर्युक्त श्लोक स्पष्ट रूपसे बता रहा है, जिसका अर्थ है, स्त्रियां घरकी लक्ष्मी होती हैं । वे अत्यन्त सौभाग्यशालिनी, पूजाके योग्य, पवित्र तथा घरकी शोभा होती हैं; अतः इनकी विशेष रूपसे रक्षा करनी चाहिए । धर्मग्लानिके कारण […]
जाग्रत भवके (धर्मप्रसार हेतु बनाया गया ‘व्हाट्सऐप्प’ गुट) एक सदस्यने कुछ सदस्योंने लिखकर भेजा है कि बाल संस्कारवर्गके विषय बहुत ही बोधप्रद होते हैं, इससे हम बडोंको भी बहुत कुछ सीखनेको मिलता है । सत्य तो यह है कि जैसे हमारे पास दस रुपए होंगे तो ही हम उसे अपने बच्चोंको दे सकते हैं, वैसे […]
इटलीमें बसे हिन्दुओंने भारतके महान सङ्गीतकार पण्डित ओंकारनाथ ठाकुरको इटलीमें आमन्त्रित किया था । उस समय इटलीके ‘तानाशाह’ मुसोलिनीने पण्डित ओंकारनाथ ठाकुरके सम्मानमें रात्रिभोजका आयोजन किया । मुसोलिनीकी कई प्रेमिकाओंमें एक प्रेमिका बंगालन थी, जिसे सङ्गीतका बहुत अच्छा ज्ञान था । उसने कई बार मुसोलिनीसे कहा कि उसकी अनिद्राका उपचार सङ्गीतमें है, तो वह इस […]
स्वास्थ्यमें महत्त्व : * ‘नासा’के अनुसार, शङ्ख बजानेसे खगोलीय ऊर्जाका उत्सर्जन होता है, जो वातावरणमें विद्यमान विषाणुओंका नाशकर लोगोंमें ऊर्जा व शक्तिका सञ्चार करती है । * शङ्खमें १००% ‘कैल्शियम’ है । इसमें रात्रिमें पानी भरकर पीनेसे ‘कैल्शियम’की आपूर्ति होती है । * शङ्ख बजानेसे योगकी तीन क्रियाएं एक साथ होती हैं – कुम्भक, रेचक […]
• यह वृक्ष जेठके महीनेमें भी हरा रहता है । ऐसी गर्मीमें जब रेगिस्तानमें जानवरोंके लिए धूपसे बचनेका कोई सहारा नहीं होता, तब यह पेड छाया देता है । जब खाने हेतु कुछ नहीं होता है, तब यह चारा देता है, जो ‘लूंग’ कहलाता है । • इसका फूल ‘मींझर’ तथा फल ‘सांगरी’ कहलाता है, […]
शमी वृक्षके गुण एवं महत्त्व : शमीको भगवान गणेशका प्रिय वृक्ष माना जाता है और शिवके साथ उनकी पूजामें भी इसकी पत्तियां चढाई जाती हैं । इसमें भगवान शिवका वास भी माना गया है, जो श्रीगणेशके पिता हैं और मानसिक क्लेशोंसे मुक्ति देनेवाले महादेव हैं । यही कारण है कि शमीपत्रका चढावा श्रीगणेशकी प्रसन्नतासे बुद्धिको […]
१. पीपल : हिन्दू धर्ममें धार्मिक मान्यताओंके कारण पीपलके वृक्षकी पूजा अति प्राचीन कालसे हो रही है । अब आधुनिक वैज्ञानिक भी कहने लगे हैं कि यह वृक्ष सबसे अधिक ‘ऑक्सीजन’ देता है । अतएव पर्यावरणको शुद्ध व पवित्र करने हेतु इस वृक्षको जहां सम्भव हो वहां लगाना चाहिए । २. बरगद : वटवृक्षकी भी […]
कृष्णप्रिया तुलसी जीवका परम कल्याण करनेवाली हैं । जिनके कण्ठमें तुलसीजी होती हैं, वे यमका त्रास नहीं पाते । ऐसे साधक-जीव गोलोकको प्राप्त होते हैं । जन्म-मरणके चक्रसे छूट जाते हैं और अन्ततः नित्यलीलाको प्राप्त करते हैं । कण्ठमें तुलसी धारण करते हुए स्नान करनेवाले मनुष्यको सम्पूर्ण तीर्थोंका फल प्राप्त होता है । जिस प्रकार […]
वैशाखके माहमें; सूर्यके तापमें वृद्धि हो जाती है; इसलिए विष्णुके भक्तगणको जलदान करनेसे श्रीहरि अत्यन्त प्रसन्न होते हैं । भगवान श्रीहरि कृपा करके उन्हें, तुलसी वृक्षको जलदानका एक सुयोग अथवा शुभ अवसर प्रदान करते हैं । किन्तु तुलसीको जलदान क्यों करना चाहिए ? तुलसी श्रीकृष्णकी प्रेयसी हैं, उनकी कृपाके फलसे ही हम भगवान श्रीकृष्णकी सेवाका […]