व्रत त्यौहार एवं धार्मिक उत्सव

दीपावली सात्त्विक रीतिसे कैसे मनाएं ? (भाग – ५)


बहुत छोटे रंग-बिरंगे सजावटकी अपेक्षा दीपोंकी लडीसे घरको सजाएं, दीप सात्त्विक होता है और बिजलीके बल्बमें देवत्वको आकृष्ट करनेकी रत्ती भर भी क्षमता नहीं…..

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नवरात्रके समय होनेवाली चूकोंको टालकर भावपूर्वक करें साधना (भाग-५)


आजकल नवरात्रमें होटलोंमें फलाहारी थाली मिलती है जिसमें अनेक पकवान होते हैं । कुछ लोग जो व्रत करते हैं वे इसे बडे चावसे खाते हैं । ऐसे सभी लोगोंको बता दें, फलाहार करनेके पीछे दो उद्देश्य होते हैं, एक तो आहार सात्त्विक हो और दूसरा वह अल्पमात्रामें हो जिससे अधिक देरतक साधना करनेमें सुविधा हो […]

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नवरात्रके समय होनेवाली चूकोंको टालकर भावपूर्वक करें साधना (भाग-४)


आजकल अधिकांश लोग दुर्गा मांको जो चुनर चढाते हैं, वह कृत्रिम धागेकी अर्थात सिन्थेटिक वस्त्रकी होती है । इतना ही नहीं उसमें बहुत झालर और चिमकी इत्यादि लगी होती है और यह ऐसे विचित्र आकारकी होती है कि उसका कोई भी उपयोग नहीं होता है । एक तो वस्त्रकी सामग्री तामसिक और ऊपरसे उसकी कोई […]

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नवरात्रके समय होनेवाली चूकोंको टालकर भावपूर्वक करें साधना (भाग-३)


नवरात्रके समय कुछ स्त्रियां नवकार मन्त्रका जप करती हैं । नवकार मन्त्र तेज तत्त्वसे सम्बन्धित होनेके कारण यदि कोई स्त्री जिसका आध्यात्मिक स्तर बहुत उच्च न हो तो उसे कष्ट भी हो सकता है; विशेषकर उसे जननेन्द्रियोंसे सम्बन्धित कष्ट हो सकते हैं । वहीं यदि पुरुषका भी उच्च आध्यात्मिक स्तर न हो तो उसे भी […]

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नवरात्रके समय होनेवाली चूकोंको टालकर भावपूर्वक करें साधना (भाग-२)


आजकल कर्मकाण्ड हेतु शुद्ध पूजन सामग्रीका मिलना बहुत ही कठिन होता है और यदि मिलती भी है तो अधिक मूल्यकी होती है । जैसे आजकल जो मशीनसे बने चौरस कर्पूर मिलते हैं, उनमें रसायन होता है और वह सात्त्विक नहीं होता है और शुद्ध भीमसेनी कपूर अधिक मूल्यका मिलता है । वैसे ही देशी गायका […]

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नवरात्रके समय होनेवाली चूकोंको टालकर भावपूर्वक करें साधना (भाग-१)


हिन्दुओंको धर्मशिक्षण न मिलनेके कारण व्रत-त्योहारके समय उनसे अनेक चूकें होती हैं । इसलिए नवरात्रके समय कौनसी चूकोंसे बचना चाहिए ?, इस हेतु यह शृंखला आरम्भ कर रही हूं, कृपया साधक इन बातोंका अवश्य ध्यान रखें ! १. यदि नवरात्रमें देवीकी प्रतिमा मिट्टी की हो तो उसकी नौ दिनकी पूजाके पश्चात विजयादशमीको अवश्य ही विसर्जन […]

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नवरात्रि में कोनसा जप करें!


इस कालमें मां दुर्गाका तत्त्व अधिक कार्यरत रहता है; इसलिए सभी अधिकाधिक ‘श्री दुर्गा देव्यै नमः’ का जप करें । जिनके गुरु हैं और वे अपने गुरु या गुरुकार्य निमित्त नियमित सेवा तन,मन, धनसे सेवा करते हैं तो वे  गुरुमंत्रका ही जप करें….

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इस वर्ष मकर संक्रान्ति १५ जनवरीको क्यों ?


मकर संक्रान्ति इस वर्ष कल अर्थात १५  जनवरीको पड रही है, इसीकारण प्रयागराजमें हो रहा कुम्भ भी इस वर्ष १५ जनवरीसे शुरू हो रहा हैं । साथ ही, प्रथम स्नान भी १५ जनवरीको होगा । मकर संक्रान्तिके दिन सूर्य धनु राशिको छोडकर मकर राशिमें प्रवेश करता है; इसलिए इस संक्रान्तिको मकर संक्रान्तिके नामसे जाना जाता […]

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दीपावली सात्त्विक रीतिसे कैसे मनाएं ? (भाग – ४)


दीपावलीके दिवस देवताका तत्त्व अपने घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठानपर आकृष्ट करने हेतु बन्दनवार (तोरण) लगाएं । इसे आम्रपल्लव एवं गेंदेके पुष्पसे बनाएं । आजकल अनेक लोग रंग-बिरंगी कागदके (कागजके) या पॉलिथीनके तिरंगे आकृति समान या चिमचिमीके (रंगीन चमकनेवाले फॉयल समान)  बन्दनवार लगाते हैं या प्लास्टिकके मोतियोंकी मालासे घरके प्रवेश द्वारको सजाते हैं, ये सब तामसिक […]

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दीपावली सात्त्विक रीतिसे कैसे मनाएं ? (भाग – ३)


नूतन सात्त्विक भारतीय परम्परा अनुसार परिधान धारण करें, इससे भी देवताका तत्त्व आकृष्ट होता है । काले वस्त्र कमसे कम शुभदिनमें न पहनें । व्रत-त्योहारके दिवस विशिष्ट देवी या देवताका तत्त्व कार्यरत रहता है; अतः यदि हम सात्त्विक रीतिसे आचरण करते हैं तो उसे हम अधिकसे अधिक प्रमाणमें ग्रहण कर सकते हैं । आज कल […]

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