बहुत छोटे रंग-बिरंगे सजावटकी अपेक्षा दीपोंकी लडीसे घरको सजाएं, दीप सात्त्विक होता है और बिजलीके बल्बमें देवत्वको आकृष्ट करनेकी रत्ती भर भी क्षमता नहीं…..
आजकल नवरात्रमें होटलोंमें फलाहारी थाली मिलती है जिसमें अनेक पकवान होते हैं । कुछ लोग जो व्रत करते हैं वे इसे बडे चावसे खाते हैं । ऐसे सभी लोगोंको बता दें, फलाहार करनेके पीछे दो उद्देश्य होते हैं, एक तो आहार सात्त्विक हो और दूसरा वह अल्पमात्रामें हो जिससे अधिक देरतक साधना करनेमें सुविधा हो […]
आजकल अधिकांश लोग दुर्गा मांको जो चुनर चढाते हैं, वह कृत्रिम धागेकी अर्थात सिन्थेटिक वस्त्रकी होती है । इतना ही नहीं उसमें बहुत झालर और चिमकी इत्यादि लगी होती है और यह ऐसे विचित्र आकारकी होती है कि उसका कोई भी उपयोग नहीं होता है । एक तो वस्त्रकी सामग्री तामसिक और ऊपरसे उसकी कोई […]
नवरात्रके समय कुछ स्त्रियां नवकार मन्त्रका जप करती हैं । नवकार मन्त्र तेज तत्त्वसे सम्बन्धित होनेके कारण यदि कोई स्त्री जिसका आध्यात्मिक स्तर बहुत उच्च न हो तो उसे कष्ट भी हो सकता है; विशेषकर उसे जननेन्द्रियोंसे सम्बन्धित कष्ट हो सकते हैं । वहीं यदि पुरुषका भी उच्च आध्यात्मिक स्तर न हो तो उसे भी […]
आजकल कर्मकाण्ड हेतु शुद्ध पूजन सामग्रीका मिलना बहुत ही कठिन होता है और यदि मिलती भी है तो अधिक मूल्यकी होती है । जैसे आजकल जो मशीनसे बने चौरस कर्पूर मिलते हैं, उनमें रसायन होता है और वह सात्त्विक नहीं होता है और शुद्ध भीमसेनी कपूर अधिक मूल्यका मिलता है । वैसे ही देशी गायका […]
हिन्दुओंको धर्मशिक्षण न मिलनेके कारण व्रत-त्योहारके समय उनसे अनेक चूकें होती हैं । इसलिए नवरात्रके समय कौनसी चूकोंसे बचना चाहिए ?, इस हेतु यह शृंखला आरम्भ कर रही हूं, कृपया साधक इन बातोंका अवश्य ध्यान रखें ! १. यदि नवरात्रमें देवीकी प्रतिमा मिट्टी की हो तो उसकी नौ दिनकी पूजाके पश्चात विजयादशमीको अवश्य ही विसर्जन […]
इस कालमें मां दुर्गाका तत्त्व अधिक कार्यरत रहता है; इसलिए सभी अधिकाधिक ‘श्री दुर्गा देव्यै नमः’ का जप करें । जिनके गुरु हैं और वे अपने गुरु या गुरुकार्य निमित्त नियमित सेवा तन,मन, धनसे सेवा करते हैं तो वे गुरुमंत्रका ही जप करें….
मकर संक्रान्ति इस वर्ष कल अर्थात १५ जनवरीको पड रही है, इसीकारण प्रयागराजमें हो रहा कुम्भ भी इस वर्ष १५ जनवरीसे शुरू हो रहा हैं । साथ ही, प्रथम स्नान भी १५ जनवरीको होगा । मकर संक्रान्तिके दिन सूर्य धनु राशिको छोडकर मकर राशिमें प्रवेश करता है; इसलिए इस संक्रान्तिको मकर संक्रान्तिके नामसे जाना जाता […]
दीपावलीके दिवस देवताका तत्त्व अपने घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठानपर आकृष्ट करने हेतु बन्दनवार (तोरण) लगाएं । इसे आम्रपल्लव एवं गेंदेके पुष्पसे बनाएं । आजकल अनेक लोग रंग-बिरंगी कागदके (कागजके) या पॉलिथीनके तिरंगे आकृति समान या चिमचिमीके (रंगीन चमकनेवाले फॉयल समान) बन्दनवार लगाते हैं या प्लास्टिकके मोतियोंकी मालासे घरके प्रवेश द्वारको सजाते हैं, ये सब तामसिक […]
नूतन सात्त्विक भारतीय परम्परा अनुसार परिधान धारण करें, इससे भी देवताका तत्त्व आकृष्ट होता है । काले वस्त्र कमसे कम शुभदिनमें न पहनें । व्रत-त्योहारके दिवस विशिष्ट देवी या देवताका तत्त्व कार्यरत रहता है; अतः यदि हम सात्त्विक रीतिसे आचरण करते हैं तो उसे हम अधिकसे अधिक प्रमाणमें ग्रहण कर सकते हैं । आज कल […]