नवरात्रिमें मां दुर्गाका तत्त्व पृथ्वीपर अत्यधिक कार्यरत रहता है अतः इन नौ दिनोंमें ‘श्री दुर्गा देव्यै नमः’ का अखंड जप करनेसे देवी तत्त्वका मनुष्य देहके सूक्ष्म पिंडमें बढोत्तरी होती है जिससे अनिष्ट शक्तिके कष्टसे हमारा रक्षण होता है और हमारी आध्यात्मिक प्रगति भी होती है ! -तनुजा ठाकुर
एक साधकसे वार्तालापके मध्य जब मैंने पूछा कि आपका आध्यात्मिक स्तर पचास प्रतिशत है और आपको योग्य साधना ज्ञात है तो भी आप कर्मकांड अंतर्गत उपवास इत्यादि क्यों रखते हैं, तो वे कहने लगे, “मैं वस्तुतः अपने भार(वजन) घटाने हेतु नवरात्रिका व्रत रखता हूं ” ! साधकों ! मां दुर्गाके व्रतके प्रति ऐसा अयोग्य दृष्टिकोण […]
संवत्सरारंभ इसवी सन् १ जनवरीसे, आर्थिक वर्ष १ अप्रैलसे, हिंदू वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदासे, व्यापारी वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदासे, शैक्षणिक वर्ष जूनसे आरंभ होता है । सौर वर्ष, चंद्र वर्ष व सौर-चांद्र वर्ष (लूनी सोलर), इन वर्षोंके भी अलग-अलग वर्षारंभ है । वर्ष बारह महीनोंका ही क्यों होना चाहिए? इसका उत्तर वेदोंमें है । वेद […]
इस लेखको सभी ध्यानपूर्वक पढ़कर उसी पद्धतिसे इस बार नव वर्ष मनानेका प्रयास करें ! चैत्र शुक्ल प्रतिपदा ही वर्षारंभ :इस बार यह आज २८ मार्च २०१७ को है ! त्यौहार मनानेकी पद्धति अभ्यंगस्नान (मांगलिक स्नान): इस दिन प्रात: जल्दी उठकर प्रथम अभ्यंगस्नान करते हैं । अभ्यंगस्नान अर्थात् शरीरको तेल लगाकर, मालिश कर, उसे त्वचामें […]
करवाचौथ तिथि : कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी करकचतुर्थी अर्थात ‘करवाचौथ व्रत’ रखनेकी पद्धति : इस व्रतमें शिव-शिवा (पार्वती), भगवान कार्तिक और चंद्रदेवका पूजन कर, करवा अर्पण करते हैं । इस व्रतको विशेषरूपसे सौभाग्यवती स्त्रियां अथवा नवविवाहिताएं रखती हैं और भोगके १३ करवे, १ लोटा, १ वस्त्र और १ विशेष करवा पतिके माता-पिताको देती हैं । […]
हिंदुओ, अन्याय व अनैतिकताको नष्ट कर, खरा रावण दहन करें ! १. दशहरेके दिन रावणकी प्रतिमा जलानेका अर्थ है, अन्याय और अनैतिकता को नष्ट करना ! दशहरा अर्थात विजयका पर्व ! न्याय और नैतिकताका पर्व ! सत्य एवं शक्तिका पर्व !’ इसी दिन भगवान श्रीरामने राक्षसोंके राजा रावणका वध किया था । इस विजयके प्रतीकके […]
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदासे नवमीतक मातृभाव एवं वात्सल्य भावकी अनुभूति देनेवाली, प्रीति एवं व्यापकता इन गुणोंके सर्वोच्च स्तरका दर्शन करानेवाली जगदोद्धारिणी, जगतका पालन करनेवाली शक्तिकी उपासना, व्रत एवं उत्सव मनानेकी कालावधि अर्थात नवरात्रि । आश्विन शुक्ल पक्ष १ को घटस्थापनाके उपरांत नवरात्रोत्सव आरंभ होता है । इस वर्ष नवरात्रोत्सव 13 अक्टूबरसे आरंभ हुआ है । […]
आषाढ शुक्ल एकादशीसे कार्तिक शुक्ल एकादशीतक, चौमासेमें पृथ्वीपर प्रवाहित तरंगोंमें तमोगुणप्रबल तरंगोंकी मात्रा अधिक रहती है । उनका सामना कर पानेके लिए सात्त्विकता बढाना आवश्यक है । त्यौ हार एवं व्रतोंद्वारा सात्त्विकतामें वृद्धि होती है । चातुर्मासमें अधिकाधिक त्यौहार एवं व्रत आते हैं । व्रत शब्दकी व्युत्पत्ति एवं अर्थ ‘व्रत’ शब्द ‘वृ’ धातुसे बना है […]
वीणावादिनी मां सरस्वतीका करें पूजन* माघ माहके शुक्ल पक्षकी पंचमीसे ऋतुओंके राजा वसंतका आरम्भ हो जाता है । यह दिन नवीन ऋतुके आगमनका सूचक है; इसीलिए इसे ऋतुराज वसंतके आगमनका प्रथम दिन माना जाता है । इसी समयसे प्रकृतिके सौंदर्यमें निखार दिखने लगता है । वृक्षोंके पुराने पत्ते झड जाते हैं और उनमें नए-नए गुलाबी […]
माघ मासकी अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या कहते हैं। यह योगपर आधारित महाव्रत है । मान्यताओंके अनुसार इस दिन पवित्र संगममें देवताओंका निवास होता है इसलिए इस दिन गंगा स्नानका विशेष महत्व है। इस मासको भी कार्तिकके समान पुण्य मास कहा गया है। गंगा तटपर इस कारण भक्त-जन एक मास तक कुटी बनाकर गंगा सेवन करते […]