धर्मका महत्त्व

अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम् ॥ अर्थ : धर्मको न जानकर मनुष्य दुःखी होता है । धर्मका आचरण करनेसे ही मनुष्य जन्म यशस्वी होता है ।

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प्रिय पाठकों, 'वैदिक उपासना पीठ'द्वारा समाजको धर्मशिक्षण देने हेतु  दैनिक ऑडियो सत्संग (अंग्रेजी तथा हिन्दीमें) व्हाट्सएपके माध्यमसे आरम्भ किया गया है । यदि आप अभीतक इस गुटकी सदस्यतासे वंचित हैं तो इस गुटसे जुडने हेतु हमारे चलभाष क्रमांक +91 9717492523 या +91 9999670915. के व्हाट्सएप (WhatsApp) पर आप अपना नाम और कहां रहते हैं, यह लिखकर ‘मुझे जागृत भव गुटमें जोडें’ यह सन्देश भेजें और अन्य जिज्ञासुओंको भी इस गुटसे जुडने हेतु प्रेरित कर, धर्म सीखें और सीखाएं  । इस सत्संगके माध्यमसे आप  धर्म एवं अध्यात्मके सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक पक्षोंको घर बैठे सुनकर, समझकर, साधना कर सकते हैं एवं अन्योंको ऐसा करने हेतु प्रेरित कर सकते हैं ।
  'वैदिक उपासना पीठ'के आश्रम, गौशाला, प्राकृतिक चिकित्सालय व ध्यान मंदिर निर्माणके पवित्र कार्यमें, तन, मन, धन, बुद्धि और कौशल्यद्वारा सहभागी होकर समष्टि सेवाका लाभ लें |
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युवावस्थामें साधना करनेका महत्त्व

वृद्धावस्था आनेपर, वृद्धावस्था यथार्थमें क्या होती है ? इसका अनुभव होता है । इस अनुभवके उपरान्त वृद्धावस्था देनेवाला पुनर्जन्म नहीं चाहिए, ऐसा प्रतीत होने लगता है; परन्तु तबतक साधना करके पुनर्जन्म टालनेका समय निकल चुका होता है । ऐसा न हो; इसलिए युवावस्थासे ही साधना करें ! – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक, सनातन संस्था, साभार : मराठी दैनिक सनातन प्रभात

उपासना कार्य

सात्त्विक जप

मां दुर्गाका जप – ॐ श्री दुर्गा देव्यै नमः

शिवजीका जप – ॐ नमः शिवाय

दत्तात्रेय देवताका जप – ॐ श्री गुरुदेव दत्त

नियमित स्तम्भोंसे सम्बन्धित लेख

दैनिक वृत्त

दैनिक वृत्त पत्र पढने हेतु नीचे दिए गए लिंकपर जाएं, इसमें आपको पूज्या तनुजा ठाकुरके सुवचन, भिन्न चिकित्सा पद्धतिसे सम्बन्धित लेख इत्यादि पढने हेतु मिलेंगे ! अबसे हम ऐसे सुवचन दैनिक वृत्तमें ही प्रसारित करेंगे । दैनिक वृत्त पत्र पढने हेतु इस लिंकपर जाएं : https://vedicupasanapeeth.org/hn/दैनिक-वृत्त

पृथ्वी मुद्रा

वज्रासन, सुखासन या पद्मासनमें बैठ कर, अनामिका अंगुलीके अग्र भागसे लगाकर रखनेसे पृथ्वी मुद्रा बनती है । इस मुद्राको करते समय हाथकी शेष अंगुलियोंको सीधी रखें ! वैसे तो पृथ्वी मुद्राको किसी भी आसनमें किया…..

आयुर्वेद अपनाएं स्वस्थ रहें (भाग – २७.८)

गर्भवती महिलाओंको अधिक करेला खानेसे बचना चाहिए; क्योंकि यह समयसे पूर्व ही शिशु-जन्मका कारक बन सकता है । करेलेके रसमें ‘मोमोकैरिन’ नामक तत्त्व होता है, जो मासिकके….

आपातकालमें देवताको ऐसे करें प्रसन्न !

अनेक सन्त बार-बार कह रहे थे कि आनेवाला काल भीषण होगा, साधना करें व करवाएं । इसलिए आज और अभीसे ईश्वर प्रसन्न रहे और इस आपातकालमें उनका संरक्षण मिले, ऐसा प्रयास करें ! सर्वप्रथम आपको अगले चार वर्ष नित्य, दो समयका भोजन मिले इस हेतु आपको आजसे कुछ तथ्य बताउंगी उसका पालन ……

अग्निहोत्रसे सम्बन्धित शंका समाधान (भाग-१)

कुछ जिज्ञासु एवं साधक वैदिक उपासना पीठसे जुडकर अग्निहोत्र आरम्भ कर चुके हैं और कुछ करनेवाले हैं, ऐसेमें वे इससे सम्बन्धित प्रश्न पूछते हैं तो मैंने सोचा ऐसे प्रश्न अन्य लोगोंके भी मनमें हो सकते हैं; इसलिए उन्हें जो उत्तर ……

आर्थिक संकटको दूर करनेके कुछ उपाय

आज अनेक लोगोंको आर्थिक संकट है, वे इस विषयपर समय-समयपर मुझसे पूछते हैं कि इसका निवारण कैसे करें ? ; इसलिए इस लेख शृंखलाके माध्यमसे आपको इस सम्बन्धमें कुछ तथ्य बतानेका प्रयास करेंगे, जो सम्भव हो, उनका पालन करनेका प्रयास करें, आपको ईश्वर निश्चित ही इसका शुभ परिणाम देंगे …..

घरका वैद्य – स्वर चिकित्सा

स्वरके चलनेकी क्रियाको उदय होना मानकर ‘स्वरोदय’ कहा गया है तथा विज्ञान, जिसमें कुछ विधियां बताई गई हों और विषयके रहस्यको समझनेका प्रयास हो, उसे विज्ञान कहा जाता है । वैसे तो स्वरोदय विज्ञान एक सरल …..

स्वभावदोष निर्मूलन प्रक्रियाको आरम्भ कैसे करें ? (भाग – २)

इस प्रक्रियाको करने हेतु प्रतिदिन अपनी चूकें (गलतियां) एक अभ्यासपुस्तिकामें लिखें, जो इस प्रक्रियाका प्रथम चरण है, तो आइए इससे क्या लाभ होता है ?, यह जान लेते हैं……

बाहर खानेवाले भोजनके आचार सम्बन्धी नियमोंका पालन कैसे करें ?

अन्नका हमारे मनपर निश्चित ही प्रभाव पडता है । कहावत भी है ‘जैसा खाए अन्न वैसा रहे मन !’ यदि हम बाहरका अन्न खाते हैं तो निम्नलिखित बातोंका पालन कर सकते हैं……..

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