विद्यालयके लिए निकली हिन्दू लडकी हरियाणासे मिली, दिलशादने बलपूर्वक अगवाकर धर्मान्तरणके पश्चात करवाया ‘निकाह’
३० अगस्त, २०२२
‘मीडिया’ विवरणोंके अनुसार, १७ अगस्तको उत्तर प्रदेशके फतेहपुर जनपदके थरियांव ‘थाना’ क्षेत्रके रमवा गांवकी १७ वर्षीय ‘हाई स्कूल’में पढनेवाली अवयस्क लडकीको विद्यालय जाते समय उन्नावके बांगरमऊका निवासी दिलशादने अगवाकर हरियाणा ले गया । घर ‘वापस’ नहीं आनेपर बहुत खोज की गई । तत्पश्चात उसके भाईने ‘थाने’में परिवाद प्रविष्ट कराया । २१ अगस्तको लडकीने समय पाकर अपने भाईको चलभाषकर घटनासे अवगत कराया । उसने कहा, “भाई, मैं यहां दिलशादके बन्धनमें हूं । उसने धर्मान्तरणकर बलपूर्वक ‘निकाह’ कर लिया है । कृपया, मुझे यहांसे शीघ्र ले जाओ, नहीं तो ये मेरा जीवन समाप्त कर देगा ।” इसके पश्चात युवतीके भाईने ‘थाने’ पहुंचकर आरोपितके विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट कराया । थरियांव ‘पुलिस’ने युवकके परिवादके आधारपर अभियोग प्रविष्टकर जिस क्रमाङ्कसे चलभाष आया था, उसे ‘ट्रेस’ किया । हरियाणा ‘पुलिस’की सहायतासे फतेहपुर ‘पुलिस’ने आरोपित दिलशादके बन्धनसे लडकीको छुडाया और उसे बन्दी बना लिया है ।
ज्ञातव्य है कि इसी माह ९ अगस्त २०२२ को उत्तर प्रदेशके फतेहपुर जनपदसे ही अवयस्क लडकीको प्रेमका झांसा देकर, पहले मुस्लिम युवक जबरील कुरैशीने अगवाकर उसके साथ चार साथियोंके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बलपूर्वक धर्मान्तरणका दबाव बनाया । धर्म परिवर्तन न करनेपर उसके पिता और भाईकी हत्या करनेकी धमकी भी दी थी ।
उत्तर प्रदेशमें ‘लव-जिहाद’ विरोधी अधिनियम २०२१ से पारित है; किन्तु मुसलमान युवकोंके मनमें अधिनियमका कोई भी भय नहीं है; अतः ऐसे धर्मान्धोंको विधानद्वारा मृत्युदण्ड देनेकी आवश्यकता है । साथ ही हिन्दू युवतियोंको धर्मशिक्षा देनेके आवश्यकता है । – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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