प्रातःकाल पुत्रको नींदमें ऐसा लगा जैसे किसी अनिष्ट शक्तिने शरीरको जकड रखा है और वह स्वयं दूसरे कक्षमें टहल रहा है । वह अनिष्ट शक्ति उसे नींदसे उठने नहीं दे रही है । ‘ॐ नमः शिवाय‘का जप करनेपर भी कुछ नहीं हुआ तो उसने ‘ॐ श्रीगुरुदेव दत्त’का जप किया तो धीरे-धीरे वह अच्छा अनुभव करने […]
दिनांक १७.१०.२०१९ को मैं रात्रिमें अपने घरपर सोया हुआ था कि अकस्मात छतका जो भाग मेरे बिछावनके ऊपर था उसका ‘प्लास्टर’ गिर गया । ईश्वरीय कृपासे मैं बाएं करवट सोया था; इसलिए उससे मेरे शरीरके थोडे ही भागको चोट लगी । पांच दिवस पूर्व मेरी पत्नीके पांवकी अस्थि भंग हो (हड्डी टूट) गई थी; इसलिए […]
कर्णावतीके (अहमदाबादके) श्री. ध्रुपद सिंह मनहरकी अनुभूतियां मैं मई २०१३ के महीनेमें अपने अग्रज भ्राताके साथ ग्रीष्मऋतुके अवकाशमें साधना सीखने एवं सेवा करने हेतु ‘वैदिक उपासना पीठ’ के दिल्ली सेवाकेन्द्रमें गए थे । * २३ मई २०१३ के दिवस गुरुपूर्णिमा महोत्सव निमित्त अर्पण एवं विज्ञापन एकत्रित करनेकी सेवाके लिए निकलनेसे पूर्व जब सेवाकेन्द्रमें परम पूज्य […]
गोड्डा, झारखंडके कुछ साधकोंकी अनुभूतियां दिनांक ०५.०९.२०१० के दिन जब हम काली मन्दिरमें थे तो मेरे सिरमें वेदना हो रही थी । तत्पश्चात पूज्या तनुजा मां आईं तो मैं खडी हो गई और मेरे सिरकी वेदना तुरन्त समाप्त हो गई । – संध्या कुमारी, कक्षा छह दिनांक ०४.०४.२०१० के दिन जब हम विष्णुधाम जहां पूज्या […]
इंदौरके श्री. दिनेश दवेकी अनुभूति धर्मप्रसार हेतु जाते समय प्रार्थना न होनेके कारण दुर्घटनाका होना वर्ष २०१४ की अमावस्यासे पूर्व पूज्या तनुजामांने स्पष्ट रूपसे आश्रममें रह रहे सभी साधकोंसे कहा था कि गुरुपूर्णिमासे पूर्वकी यह अमावस्या है; अतः सभी साधक सतर्क रहें, अनिष्ट शक्तियां हमारी गुरुपूर्णिमामें सहभागिता न हो, इस हेतु अडचनें निर्मित कर सकती […]
वो कहते हैं न ‘प्रत्यक्षं किम प्रमाणं’ ! भविष्यमें उपासनाके आश्रममें बहुतसे वैदिक अनुष्ठान होंगे; इसलिए गोलोकसे गोमाताका आगमन होने लगा है, वैसे ही जैसे हिन्दू राष्ट्रको चलाने हेतु उच्च लोकोंसे उच्च कोटिके साधक जीवोंका जन्म होने लगा है …..
अयोग्य एवं तमोगुणी गृह सज्जाके कारण हुई कष्टप्रद अनुभूति पिछले वर्ष ही जब पूज्या तनुजा मां हमारे घर आईं थीं तो उन्होंने कहा था कि घरके कक्षमें भीतें (दीवारें), चादरें, अलमारियां काले रंगकी नहीं होनी चाहिए । मेरे युवा भाईने हमारे मना करनेपर भी अपने कक्षमें काले और श्वेत रंगसे सभी साज-सज्जा (इंटीरियर्स) करवाई । […]
१. पिछले कुछ दिनोंसे हमारे रसोईघरमें अत्यधिक चींटियां आ रही थीं । विभूति डालनेपर उस दिवस नहीं आती थीं; किन्तु अगले दिन पुनः आ जाती । पूज्या मांके ‘व्हाट्सऐप्प’ सत्संगमें सुना कि पाकशालामें सनातन संस्थाकी सात्त्विक नामजपकी पट्टियां लगाएं ! जिस दिनसे हमने पट्टियां लगाईं, उस दिवससे आज दो सप्ताह हो गए हैं; किन्तु अभीतक […]
मेरे एक मित्र अनुराग शर्माको प्रतिदिन सत्संग भेजता हूं (वह सेवा भी करना चाहता है, तनुजा मांके प्रति उसकी श्रद्धा भी है; परन्तु उसे बहुत अधिक आध्यात्मिक कष्ट है; अतः नित्य किसी नूतन समस्यासे घिरा रहता है | आज उसका सन्देश आया कि आज मांको बहुत दिनों उपरान्त सुना । वह बता रहा था कि […]
१. पत्रिका वितरणके समय, एक साधकके घरपर भोजन कर रहा था । भोजन श्राद्धका था; इसलिए प्रार्थना अधिक की । भोजनके मध्यमें एकाएक मैं गर्दन नीचे करके बैठ गया और ऐसा लगा जैसे परम पूज्य बाबा (भक्तराज महाराज) मुझे अपने आश्रममें बुला रहे हों और मैं इन्दौरवाले भक्त वात्सल्य आश्रममें सूक्ष्मसे जाकर उनके समक्ष बैठ […]