प्रातःकाल पुत्रको नींदमें ऐसा लगा जैसे किसी अनिष्ट शक्तिने शरीरको जकड रखा है और वह स्वयं दूसरे कक्षमें टहल रहा है । वह अनिष्ट शक्ति उसे नींदसे उठने नहीं दे रही है । ‘ॐ नमः शिवाय‘का जप करनेपर भी कुछ नहीं हुआ तो उसने ‘ॐ श्रीगुरुदेव दत्त’का जप किया तो धीरे-धीरे वह अच्छा अनुभव करने लगा और उठ गया । उठनेके साथ ही उसके सीधे कानमें वेदना हुई और कोई उष्ण वस्तु कानोंसे निकल गई । उसके बाद उसके व्यवहारमें अत्यन्त परिवर्तन आया है और वह शान्त हो गया है । कृतज्ञता पूज्या मां ! (०४.१०.२०१८)
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