हिन्दू राष्ट्र

‘विश्वके १५ राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र बननेके लिए तत्पर, भारत करें आरम्भ’, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती


१४ जनवरी, २०२२          पुरीके शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वतीजीने प्रतिवाद किया कि भारतद्वारा स्वयंको हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देनेपर १५ राष्ट्र एक वर्षके भीतर इसी दिशामें निर्णय लेंगे । मकर संक्रांतिपर गंगासागरमें पर्व स्नान करने आए शंकराचार्यने १३ जनवरीको (गुरुवारको) संवाददाता सम्मेलनमें कहा, “मेरा ५२ राष्ट्रोंके उच्च प्रतिनिधियोंके साथ चित्रपट सम्मेलनके (वीडियो […]

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दैनिक वृत्तपत्रका उद्देश्य साम्प्रदायिक उपद्रव करवाना नहीं, समाजमें क्षात्रवृत्ति निर्माण करना यह हैं !


एक व्यक्तिने पत्र लिखकर कहा है कि आपके वृत्तपत्रको पढकर लगता है कि आप साम्प्रदायिक उपद्रव (दंगा) करवाना चाहती हैं ! मैं कैसे ‘दंगा’ करवा सकती हूं ? हम हिन्दुओंके पास एक विक्षिप्त कुत्तेको मारनेके लिए भी अपने घरमें छडी नहीं होती है । साथ ही आज अधिकांश हिन्दू नाममात्रके हिन्दू रह गए हैं ! […]

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अनेक गुरुके भक्त कहते हैं कि हमारे कष्ट बढ गए हैं हम क्या करें ?


वर्ष २०२३ तक सभी साधक और सन्तवृन्दको तीव्रतम कष्ट होनेवाला है । कालचक्र विपरीत दिशामें घूम रहा है; अतः पूरे विश्वमें अभी कुछ वर्ष यह क्रम चलेगा । आपके (साधकोंके) कष्ट और आपके कुटुम्बको होनेवाले कष्टसे आपकी श्रद्धा ईश्वर और गुरुसे कम न हो और हम सब सकुशल जीवित रह जाएंं, यह इस कालकी सबसे […]

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साधको, टेक्सासकी घटनासे लें सीख !


जिस प्रकार तीव्र हिमपात जैसी प्राकृतिक आपदाके कारण संयुक्त राष्ट्र अमेरिकाके टेक्सासमें विद्युत संयन्त्रने (ग्रिडने) कार्य करना बन्द कर दिया और चारों ओर त्राहिमाम् मच गया । पेयजलकी समस्या हो गई । ठण्डसे लोग मरने लगे, अन्धेरेमें रहने हेतु बाध्य हुए, ऐसे कष्ट हमें अपने क्षेत्रोंमें भी हो सकते हैं; इसलिए प्रकाशकी वैकल्पिक व्यवस्था करके […]

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साधको सावधान ! तीसरे वैश्विक युद्धकी पृष्ठभूमि बनना आरम्भ हो चुकी है ।


साधको ! क्या आप सबको समझमें आ रहा है कि तीसरे विश्वयुद्ध होनेकी पृष्ठभूमि विश्वपटलपर होने हेतु घटनाक्रम आरम्भ हो चुका है ! एक बार विश्व युद्ध आरम्भ हो गया तो साधना करना और भी कठिन हो जाएगा; क्योंकि उस समय प्राणको बचाना हमारा प्रथम ध्येय होगा चाहे, वह स्वयंके प्राण हों, अपने कुटुम्बके प्राण […]

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धार्मिक अराजकता समाप्त होनेके लिए हिन्दू राष्ट्र आवश्यक !


आजके अनेक कथावाचकोंको व प्रवचनकरोंको भी अनिष्ट शक्तियोंका कष्ट है । इसके पीछे एक तो उनके जीवनमें योग्य गुरुका न होना है और दूसरा उनमें अनेक दोषों एवं तीव्र अहंका होना है । आप तो देख ही रहे है ऐसे कथावाचकोंने ……

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सन्तानें पालकोंका सम्मान करे, इस हेतु उनका भी वर्तन आदर्श होना चाहिए !


मैंने पाया है कि जैसे आजकी अनेक स्त्रियां अपने ससुरालवालोंसे स्नेह नहीं करती हैं और उनसे अपने पतिको भी दूर रखती हैं, वैसे ही आज अनेक सास-ससुर भी जैसा वर्तन अपनी पुत्री समान पुत्रवधूसे करना चाहिए, वैसा नहीं करते हैं । और यदि विवाहके आरम्भमें ही कुछ बहुत पीडादायक प्रसंग घटित हो जाए तो ऐसी […]

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आजके निधर्मी नेतागण व पूर्वकालके धार्मिक वृत्तिके राजाओंमें अन्तर !


पूर्वकालमें राजा-महाराजा भव्य मन्दिरोंका निर्माण कराकर, उनका अनुरक्षण (रखरखाव) राजकीय कोषसे करते थे और आज ही मुझे ज्ञात हुआ कि दक्षिण भारतके कुछ राज्योंके, प्राचीन मन्दिरोंकी वे देखभाल करते हैं एवं उन मन्दिरोंके न्यासके वे विश्वस्त …..

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तुष्टिकरणकी राजनीतिकी घृणित परम्पराका कोरोना महामारी में भी जारी !


रमजानका माह आरम्भ होते ही सब दूकाने खुल गयीं, यह जानते हुए भी की इस समुदायद्वारा महामारी हेतु बनाए गए नियमोंका पालन कदापि न होगा और मूढ नेतओ, अपने नेत्र खोलकर देखें, वे कैसे ९५ % जनताके गृह बंदीके प्रयासोंका उपहास कर रहे हैं …..

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धर्म अधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र बनाने हेतु मृतवत हिन्दू समाजमें क्षात्रवृत्ति जाग्रत करना आवश्यक !


जिस धर्मनिरपेक्ष भारतमें नित्य गोवंशका वध हो, मंदिरोंको विकासके नामपर तोडा जाता हो, आतंकी हमारे सैनिक बन्धुके साथ छद्म युद्ध कर उनके प्राण लेने हेतु उतारु रहे, जहां विद्यालय एवं महाविद्यालयमें हमारे धर्मग्रन्थोंको पाठ्यक्रमका भाग बनानेकी अनुमति न हो, जहां हिन्दू अमरनाथकी यात्रा निर्भय होकर न कर सके एवं कैलाश पर्वत रुपी तीर्पक्षेत्रमें जाने हेतु […]

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