मोदी शासनने ‘कोरोना’ महामारीके राष्ट्रीय संकटके समय विदेशमें घूमने, पढने, तीर्थयात्रा करने गए भारतीयोंको विशेष वायुयानसे उन्हें यहां लाना सम्भव कर दिया, जबकि इससे आज सवा अरबकी जनसंख्याके प्राण संकटमें पड गए; किन्तु उन दिहाडी श्रमिकोंका विचार नहीं हुआ, जो आज सहस्रोंकी संख्यामें २०० से २००० किलोमीटरकी पैदल यात्राकर अपने मूल ग्राम […]
इस देशकी जनताकी मूर्खता व स्वार्थी वृत्ति, राज्यकर्ताओंको चुननेमें तो सर्व विदित है; किन्तु आज जब समाज एक भयावह महामारीसे ग्रसित हो सकता है तो भी कुछ मूढ अपने प्राणोंके साथ ही अन्योंके……
कोरोना विषाणुके विषयमें उजागर हुआ है कि वैज्ञानिक ‘साइंस पेपर’केद्वारा इस विषाणुसे भी अधिक भयावह विषाणुके संक्रमणपर पहले ही चेतावनी दे चुके हैं । चेंग वीसी, लाऊ एसके, वू पीसी और युएन केवाईने २००७ में एक शोधपत्र प्रकाशित किया था, जिसमें कहा गया था कि दक्षिण चीनमें लोगोंकी खानेकी शैली, जो विदेशज प्रजातिके स्तनपायी जीवोंको […]
आज मैं एक कोरोनाके कारण मृत व्यक्तिका भूमिमें गाडनेकी अत्यधिक व्यथित करनेवाला वीडियो देखी ! वह विदेशकी थी | उसमें दो व्यक्ति एक मृत व्यक्तिके शवको एक डब्बेमें बन्द उसे एक वाहनमें लाकर एक रस्सी और एक लकडीसे माध्यमसे खींचकर एक गड्ढेमें फेंक दिया ! उस प्रसंगको देखकर मुझे मेरे श्रीगुरुकी वाणी स्मरण हो गई […]
साधको, जिसप्रकार आज देशमें lockdown हुआ है या हो रहा है, वह आपातकालकी पूर्व सूचना है एवं यह जनवरी २०२४ तक अनके बार होगा एवं कहीं भी हो सकता है; इसलिए अगले दो-तीन माह हेतु अति आवश्यक राशन अपने घरमें अबसे रखा करें, अपने घरके छत या गमलोंमें तरकारी लगाना सीखें । आजकल इस सम्बन्धमें […]
कुछ लोग कहते हैं कि किन संतोंने कहा है कि आपातकाल आएगा और उसके पश्चात राम राज्य आएगा तो लीजिए निम्नलिखित दोहे, जो संत श्री सूरदासने लिखे हैं, उसे पढें । रे मन धीरज क्यों न धरे । सम्वत दो हजारके ऊपर ऐसा जोग परे ।। पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण चहुं दिशा काल फिरे । […]
लोकतन्त्रके होनेवाले नित्यके राजनेताओंद्वारा सत्ता प्राप्त करनेके नाटक यह बताते हैं कि अब यह निष्प्राण हो चला है किन्तु हिन्दू राष्ट्रके आगमन हेतु यह शुभ सूचना है |
उत्तर बडा सरल है, तथाकथित धर्मनिरपेक्षताके ‘कुसंस्कार’से दूषित हिन्दू मनको शुद्ध करने हेतु हिन्दू राष्ट्रका ‘सुसंस्कार’ अंकित करना ही सर्व समस्याओंका एकमात्र समाधान है ! लेखक, विचारक, चिन्तक, विश्लेषकके सर्व दृष्टिकोण समाधानकारक होने चाहिए, मात्र समस्या बतानेसे उसका समाधान नहीं होता, उसपर योग्य उपाय योजना बताना, यह अति आवश्यक होता है ! हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना […]
एक और बैंक दिवालिया हो गया ! हिन्दू राष्ट्र आते-आते अर्थव्यवस्थाकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो जाएगी ! धनके मोहसे ग्रस्त बहुतसे लोग ऐसी स्थितिमें घोर निराशामें डूब जायेंगे कुछ तो हृदयाघातसे कालकलवित हो जायेंगे तो कुछ आत्महत्या कर लेंगे ! निजी बैंक पहले दिवालिया होंगे एवं तत्पश्चात शासकीय बैंक भी डूब जायेंगे ! इसलिए कागदी […]
प्राप्त समाचार कुछ दिवस पूर्व एक सुप्रसिद्ध बहु राष्ट्रीय प्रतिष्ठानमें (MNC) कार्यरत एक उच्च शिक्षित युवाने ऋणके बोझसे व्यथित होकर आत्महत्या कर ली । दुःखकी बात यह है कि आत्महत्या करनेसे पूर्व उसने अपनी पत्नी एवंम अपने बच्चोंकी भी हत्या कर दी ! ऐसे ‘पढे-लिखे मूढ’ अपने साथ अपने परिवारका भी प्राण ले लेते हैं […]