आजके मैकाले शिक्षित युवा पीढीको जब भी आगामी कालकी भीषणताके विषयमें बताती हूं तो अनेक युवा एवं युवतियां कहते हैं कि सन्तवृन्द ऐसे कैसे भविष्यके विषयमें देखकर बता सकते हैं, हम उनकी बातोंको कैसे सत्य मान लें ? तब मुझे भान होता है कि इस निधर्मी शिक्षण पद्धतिके कारण हमारे देशकी वर्तमान पीढीका आध्यात्मिक पतन […]
समयका महत्त्व न जाननेवाले अनेक बहिर्मुख प्रवृतिके व्यक्ति पहले तो ‘जाग्रत भव’के ‘व्हाट्सऐप’ गुटके नियम तोडकर अनावश्यक बातें, छायाचित्र साझा करते हैं एवं जब उनसे ऐसा करनेके लिए मना किया जाता है तो वे निर्लज्ज होकर पूछते कि मेरे एक सन्देश डालनेसे दूसरोंका या सबका समय कैसे व्यर्थ हुआ है ? यह बताएं ! यह […]
जो भी साधक जीव संन्यास लेकर किसी भी योगमार्गसे साधना करता हो यदि वह इस जन्ममें अपने परम उद्देश्य अर्थात जीवनमुक्त नहीं भी होता हो तो भी वह अपने प्रारब्धको भोगकर, अपने साधनाके बलपर अपने संचितको अवश्य ही न्यून कर लेता है । इससे उसका अगला जन्म सुधर जाता है अर्थात अगले जन्ममें उसके लिए […]
मृत्युके पश्चात मनुष्यके साथ यह जाता है :- १. कामना – यदि मृत्यके समय हमारे मनमें किसी वस्तु विशेषके प्रति कोई आसक्ति शेष रह जाती है, कोई इच्छा अधूरी रह जाती है, कोई अपूर्ण कामना रह जाती है, तो मरणोपरान्त वही कामना उस जीवात्माके सङ्ग जाती है । २. वासना – वासना, कामनाकी ही साथी […]
तर्कवादी (बुद्धिप्रामाण्यवादी) मात्र आजके कालमें ही नहीं हुए है, ऐसे लोग समाजमें तमस बढनेपर सर्वकालमें होते हैं तभी तो ‘बुद्धिप्रामाण्यवादियों’के विषयमें महाभारतका एक श्लोकमें इनका वर्णन है, जो यह बताता है कि कैसे उनका जगत मात्र जो दिखाई देता है और उनकी सीमित बुद्धिसे समझ आता है, उसतक ही सीमित होता है एवं उस कारण […]
यदि कोई युवती अपने प्रेमीसे विवाहकर घर बसाती है और कुछ दिवस पश्चात उसे ज्ञात होता है कि विवाह उपरान्त जिस जीवनका वह स्वप्न देखती थी वह तो अत्यन्त मधुर था और यह यथार्थ अत्यन्त कटु है; क्योंकि उसे घरके कार्य करने होते हैं, ससुरालके सभी सगे-सम्बन्धियोंका ध्यान रखना होता है, किसीकी झिडकी और किसीकी […]
शास्त्र है यदि किसीकी मृत्यु हो गई और उस सद्गति मिल गई; किन्तु वह व्यक्ति जीवन्मुक्त नहीं हुआ अर्थात ६१% आध्यात्मिक स्तर नहीं हुआ तो आपको उसके पुण्य अनुसार कोई लोक प्राप्त होता है या वह जीवात्मा पितरलोकमें प्रतीक्षारत रहता है; किन्तु यदि उसके पुत्रने तीन वर्ष सतत आपके लिए श्राद्ध नहीं किए तो आपको […]
कोरोना संक्रमणके कालमें उपासनासे जुडे हुए कुछ सदस्योंको कोरोना संक्रमण हो गया । ऐसेमें कुछ सदस्य तो अच्छेसे साधना पहलेसे ही करते थे एवं कुछ नूतन जुडे हुए थे, उन्हें कोरोना संक्रमण होनेपर, कुछ आध्यात्मिक उपचार बताए गए, जिससे उन्हें अप्रत्याशित लाभ हुआ, यह लेखमाला उसी सम्बन्धमें है – जनपद गाजियाबादके श्री. मृत्युन्जय सिन्हाकी अनुभूति […]
अपने युवा होते बच्चोंको साधना हेतु अवश्य ही प्रवृत्त करें, इससे आपको और उन्हें दोनोंको ही अनेक लाभ होंगे । आपको ये सभी लाभ समझमें आएं और आप अपने युवा बच्चोंको साधना हेतु प्रवृत्त करें; इसीलिए यह लेखमाला आपसे साझा कर रही हूं । साधनासे जीवनको मिलती है योग्य दिशा मैंने धर्मप्रसारके मध्य अनेक घरोंमें […]
साधको, यदि साधना सम्बन्धी एक ही बातको बार-बार बतानेपर आप उसे नहीं करते हैं तो समझ लें कि आपमें साधकत्व नहीं है । साधकत्व और गुरुकृपा या ईश्वरीय कृपाका सीधा सम्बन्ध होता है । इसलिए स्वयंके भीतर साधकत्व निर्माण करने हेतु प्रयत्नशील हों अन्यथा आनेवाले आपतकालमें आपको पछताना पडेगा और अब आपातकालकी तीव्रता बढनेमें समय […]