करवाचौथ
तिथि : कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी
करकचतुर्थी अर्थात ‘करवाचौथ व्रत’ रखनेकी पद्धति : इस व्रतमें शिव-शिवा (पार्वती), भगवान कार्तिक और चंद्रदेवका पूजन कर, करवा अर्पण करते हैं । इस व्रतको विशेषरूपसे सौभाग्यवती स्त्रियां अथवा नवविवाहिताएं रखती हैं और भोगके १३ करवे, १ लोटा, १ वस्त्र और १ विशेष करवा पतिके माता-पिताको देती हैं । तदुपरांत ‘ॐ नमः शिवाय’से शिवजी तथा ‘षण्मुखाय नमः’से भगवान कार्तिकका पूजन कर चंद्रदेवताको अर्घ्य देते हुए अपना व्रत खोलती हैं ।
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