व्रत त्यौहार एवं धार्मिक उत्सव

दीपावली सात्त्विक रीतिसे कैसे मनाएं ? (भाग – २)


शुभकामना पत्र देनेकी अपेक्षा मुहंसे बोलकर शुभकामनाएं दें, उससे शुभकामनाएं फलित भी होती हैं और प्रेम भी बढता है । शुभकामना पत्रका प्रचलन पाश्चात्योंने आरम्भ किया है और आज भी इसी माध्यमसे हमारे देशसे अनेक विदेशी प्रतिष्ठान अनेक कोटि रुपए लूटकर ले जाते हैं ।..

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दीपावली सात्त्विक रीतिसे कैसे मनाएं ? (भाग – १)


धर्म शिक्षणके अभावमें आजका हिन्दू व्रत-त्योहार भी सात्त्विक रीतिसे नहीं मनाता है, दीपावली सम्पूर्ण भारतमें पूरे हर्षोल्लासके साथ मनाया जानेवाला सामान्य जनमानसका त्योहार है; अतः अगले कुछ दिवस हम इसे सात्त्विक रीतिसे कैसे मना सकते हैं, इसके विषयमें प्रतिदिन कुछ न कुछ जानेंगे…..

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पितृपक्ष (महालयपक्ष)


आश्विन माहके प्रथम पक्ष अर्थात् ‘कृष्णपक्ष’को `पितृपक्ष’ कहते हैं । यह पक्ष पितरोंको विशेष रूपसे प्रिय होता है । पितृपक्षके समय पितर पृथ्वीके समीप आते हैं । इन अतृप्त पितरोंकी तृप्ति हेतु इस कालमें श्राद्धविधिकी जाती है । इस पक्षमें पितरोंका महालयश्राद्ध करनेका विधान शास्त्रोंमें बताया गया है, इससे पितर वर्षभर तृप्त रहते हैं । […]

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राखी बांधते समय ‘येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो महाबल:’ का श्लोक क्यों कहा जाता है ?


लक्ष्मीजीने सर्वप्रथम राजा बलिको बांधी थी । ये बात हैं जब दानवेन्द्र राजा बलि अश्वमेध यज्ञ करा रहें थे, तब नारायणने राजा बलिको छलनेके लिये वामन अवतार लिया और तीन पगमें सब कुछ ले लिया और पाताल लोकका राज्य रहनेके लिये दे दिया तब उसने प्रभुसे कहा कि कोई बात नहीं मैं रहनेके लिये सिद्ध […]

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गंगा दशहरा


  प्रति वर्ष ज्येष्ठ माहकी शुक्ल पक्षकी दशमीको गंगा दशहरा मनाया जाता है, इस वर्ष गंगा दशहरा ४ जून २०१७ के दिन मनाया जाएगा । शास्त्र वचन है – दशमी शुक्लपक्षे तु ज्येष्ठमासे बुधेsहनि । अवतीर्णा यत: स्वर्गाद्धस्तर्क्षे च सरिद्वरा ।। ज्येष्ठशुक्लदशम्यां तु भवेत्सौम्यदिनं यदि । ज्ञेया हस्तर्क्षसंयुक्ता सर्वपापहरा तिथि: ।। ज्येष्ठस्य शुक्लादशमी सम्वत्सरमुखा स्मृता […]

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पूजन एवं ज्ञानका महापर्व वसन्त पंचमी


अ. विद्याकी देवी, वाग्देवी मां सरस्वतीकी आराधनाका पर्व है वसन्त पंचमी कलियुग वर्ष ५११८ के माघ शुक्ल पंचमीको (१ फरवरी २०१७) वसन्त पंचमी है, इस पर्वसे ही ‘वसन्त ऋतु’का आगमन होता है । वसन्त पंचमी वाग्देवी मां सरस्वतीकी आराधनाका पर्व है । ब्राह्मण-ग्रन्थोंके अनुसार वाग्देवी मां सरस्वती ब्रह्मस्वरूपा, कामधेनु तथा समस्त देवोंकी प्रतिनिधि हैं । […]

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महाशिवरात्रि


महाशिवरात्रिका त्योहार विक्रम संवत अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी एवं शक संवत अनुसार माघ कृष्ण पक्ष चतुर्दशीको अर्थात् २४ फरवरी २०१७ को है, इसे सम्पूर्ण भारतमें श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है । शास्त्रोंके अनुसार यदि शिवरात्रिका व्रत किसी विशेष कामनाको उद्देशित कर किया जाए तो वह इच्छा पूर्ति होती है एवं निष्काम किया जाए तो भगवान […]

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शिवनामकी महिमा


विक्रम संवत् अनुसार फाल्गुन (शक संवत् अनुसार माघ कृष्ण पक्ष त्रयोदशीको) कृष्ण पक्ष त्रयोदशी अर्थात् २४ फरवरी २०१७ को शिवरात्रि है; अतः हम इस उपलक्ष्यमें भगवान् शिवके नामकी महिमाके विषयमें जानेंगे। अ. स्तर अनुसार सगुण और निर्गुण स्वरूपकी साधना करना आवश्यक हमारे धर्म शास्त्रोंमें ईश्वरके दो रूप बताए गए हैं, एक है सगुण एवं दूसरा […]

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मकर संक्रान्ति


भारतसह विश्वके अनेक देशोंमें मनाया जाता है मकर संक्रान्ति मकरसंक्रान्तिका त्योहार हिन्दुओंके मुख्य त्योहारोंमें से एक है ! यह भारतवर्षके विभिन्न प्रान्तोंमें, विभिन्न नामों एवं विभिन्न पद्धतियोंसे मनाया जाता है; किन्तु इसका मूल स्वरूप एक ही रहता है । सूर्योपासनाका यह त्योहार, फसलोंके  त्योहार व किसानोंके  त्योहारके रूपमें भी जाना जाता है । यह त्योहार […]

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मां दुर्गाकी आरती


जगजननी जय जय l मां जगजननी जय जय l भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय। जगजननी जय जय तू ही सत्-चित्-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा। सत्य सनातन, सुन्दर पर-शिव सुर-भूपा॥ जगजननी जय जय आदि अनादि, अनामय, अविचल, अविनाशी। अमल, अनन्त, अगोचर, अज आनन्दराशी॥ जगजननी जय जय अविकारी, अघहारी, अकल कलाधारी। कर्ता विधि, भर्ता हरि, हर संहारकारी॥ जगजननी जय […]

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