जाकिर नाइक को मलेशिया सरकार ने दिया स्थाई निवासी का दर्जा


नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को संसद में स्वीकार किया कि विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक को मलेशिया सरकार ने स्थायी निवासी (पीआर) का दर्जा प्रदान किया है. विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जाकिर नाइक को मलेशिया सरकार की ओर से स्थायी निवासी (पीआर) का दर्जा प्रदान किया गया है.

उन्होंने बताया कि इस मामले से संबंधित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से मिली जानकारी के अनुसार, अनिवार्य अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के अनुरोध को एनआईए विशेष अदालत, मुंबई के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है. विदेश राज्य मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया ‘‘इसके बाद इसे भारत-मलेशिया प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, मलेशिया सरकार को अग्रेषित करने के लिए विदेश मंत्रालय के पास भेजा जाएगा.’’ गौरतलब है कि नाइक आतंकवाद और धन शोधन के आरोपों के चलते भारत में वांछित है.

681 भारतीय मछुआरे पाकिस्तान और श्रीलंका की हिरासत में : सरकार
सरकार ने बताया कि करीब 537 भारतीय मछुआरे पाकिस्तान की हिरासत में हैं और श्रीलंका की हिरासत में रह रहे भारतीय मछुआरों की संख्या 144 है. विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय मछुआरों की करीब 1000 नौकाएं पाकिस्तान और 160 नौकाएं श्रीलंका के कब्जे में हैं.

उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में गतिरोध भारतीय मछुआरों की रिहाई और उनकी वापसी में एक बड़ी बाधा है. बहरहाल, द्विपक्षीय वार्ता तंत्र न होने के बावजूद दोनों पक्षों ने 2017 में कई मछुआरों को छोड़ा है. उन्होंने बताया ‘‘हमने 345 भारतीय मछुआरों को सफलतापूर्वक रिहा कराया जिनमें पिछले छह माह में रिहा हुए 245 भारतीय मछुआरे शामिल हैं.’’ सिंह ने बताया कि साल 2017 में श्रीलंका की हिरासत से सतत राजनयिक प्रयासों के चलते 347 मछुआरों को रिहा कराया जा चुका है.

विदेश राज्य मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि नवंबर 2016 में भारत और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों और मात्स्यिकी मंत्रियों की नई दिल्ली में मुलाकात के दौरान मछुआरों के मुद्दे के हल के लिए एक द्विपक्षीय संयुक्त कार्य दल ( जेडब्ल्यूजी) तंत्र की स्थापना की गई थी. इस बात पर भी सहमति बनी थी कि इसकी प्रगति की समीक्षा के लिए दोनों देशों के मत्सियकी मंत्री प्रत्येक छह माह में बैठक करेंगे. उन्होंने बताया कि अब तक जेडब्ल्यूजी की बैठकों के तीन दौर हो चुके हैं.



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