नई दिल्लीः राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने यूपी के मुजफ्फरनगर से लश्कर को फंडिंग करने वाले दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों का नाम दिनेश गर्ग उर्फ अंकित गर्ग और अदिश कुमार जैन बताया जा रहा है. जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि ये दोनों आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए काम कर रहे थे. एनआईए की टीम को खुफिया जानकारी मिली थी कि मुजफ्फरनगर से कुछ लोग हवाला के जरिए लश्कर ए तैयबा की मदद कर रहे हैं.
एनआईए को आरोपियों की फोन डिटेल्स निकालने के बाद पता चला कि ये दोनो सऊदी अरब से हवाला के जरिए लश्कर तक पैसा पहुंचाया करते थे.
इन दोनों की गिरफ्तारियों की बाद एनआईए की टीम ने हवाला से पैसा आतंकियों तक पहुंचाने के मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
लश्करे तैयबा से जुड़ा यूपी का संदीप शर्मा गिरफ्तार
जुलाई 2017 में लश्करे तैयबा के लिए काम करने और आतंकी गतिविधयों में सक्रिय भागीदारी के आरोप में उत्तरप्रदेश के एक निवासी संदीप कुमार शर्मा उर्फ आदिल को गिरफ्तार किया गया था. शर्मा लश्करे तैयबा के मॉड्यूल का हिस्सा था जिसका पर्दाफाश जम्मू कश्मीर पुलिस ने किया था. कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने संवाददाताओं से कहा था, ‘हमने दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े अपराधों समेत सिलसिलेवार सनसनीखेज अपराधों में संलिप्त रहे एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. उत्तर प्रदेश स्थित मुजफ्फरनगर के निवासी संदीप कुमार शर्मा उर्फ आदिल को गिरफ्तार किया गया है.’ उन्होंने कहा कि संदीप की गिरफ्तारी आपराधिकता और आतंकवाद के बीच धुंधलाती रेखाओं को दिखाती है. लश्कर-ए-तैयबा शर्मा का अकसर इस्तेमाल करता था और वह इस बात का पूरा फायदा उठा रहा था कि वह यहां का स्थानीय व्यक्ति नहीं है.
आतंकी संदीप की मां बोली, मेरा बेटा आतंकी है तो उसे सजा दी जाए
लश्कर-ए-तैयबा का कार्यकर्ता होने के आरोप में जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए संदीप कुमार शर्मा की मां ने कहा है कि अगर उनका बेटा आतंकी है तो उसे दंडित किया जाए. पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश आतंक निरोधी दस्ते (एटीएस) के एक दल ने संदीप की मां पार्वती और एक अन्य रिश्तेदार रेखा से पूछताछ की थी, जिन्हें कल देर रात हिरासत से रिहा कर दिया गया. रिहा होने होने के बाद पार्वती ने कहा कि अगर मेरा बेटा आतंकी है तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए. उसकी हरकतों के कारण हमें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है.
पार्वती और रेखा दोनों ही जिले में घरेलू सहायिका का काम करती हैं.पुलिस ने बताया कि संदीप वर्ष 2012 में जिले से चला गया था और उसने अपने परिवार से कहा था कि वह जम्मू में प्रतिमाह 12,000 रुपये कमा रहा है. वर्ष 2007 में उसके पिता की मौत हो गई थी. उसका भाई हरिद्वार में टैक्सी चालक है. महिला पुलिस अधिकारियों को उसके आवास पर तैनात किया गया है, वे परिवार पर कड़ी नजर रख रही हैं।
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