भारत को सतर्क रहने की जरूरत, महिलाओं के जरिए आतंक फैलाने की साजिश


नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । पुलवामा के हरकीपोरा में अबु दुजाना का मारा जाना न केवल भारतीय फौज और सुरक्षाबलों के लिए कामयाबी है, बल्कि आतंक के आकाओं को संदेश भी है कि अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आतंकी वारदातों में पाकिस्तान के पुख्ता सबूत होने के बाद भी वो हमेशा इनकार करता रहता है। पाकिस्तान की जमीन पर पनप रहे आतंकी संगठन वहां के बेकसूरों को मौत के घाट उतार देते हैं। पाकिस्तान अपने आपको आतंकवाद को पीड़ित बताता है। लेकिन वो तहरीक-ए-तालिबान ऑफ पाकिस्तान, लश्कर, हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों पर प्रभावी कदम उठाने से बचता रहता है। आतंकी संगठन अब महिलाओं को जिहाद के लिए प्रेरित कर रहे हैं।सुन्नत-ए-खौला के जरिए आतंक फैलाने की साजिश

तहरीक-ए-तालिबान ऑफ पाकिस्तान ने महिलाओं के लिए सुन्नत-ए-खौला पत्रिका लांच की। सुन्नत-ए-खौला का मतलब खौला (प्रॉफेट मोहम्मद की शिष्या) के रास्ते पर चलना होता है। इसके जरिए प्रॉफेट मोहम्मद के शुरुआती महिला अनुयायियों का जिक्र किया गया है। टीटीपी ने पत्रिका के कवर फ्रंट पर जिस महिला को दिखाया है वो सिर से पांव तक बुरके में है। पत्रिका के अंदर टीटीपी के नेता की पत्नी का साक्षात्कार (महिला के नाम का जिक्र नहीं) है जिसने 14 साल की उम्र में संगठन के सरगना फजलुल्ला खोरासानी के साथ शादी की थी।

साक्षात्कार में वो कहती है कि आजकल हर तरफ लोग कम उम्र में शादी की चर्चा क्यों करते हैं। हमें समझने की जरूरत है कि अगर वयस्क लड़कों और लड़कियों को बिना शादी के लंबे समय तक छोड़ दिया जाए तो अनैतिकता फैलेगी, समाज खराब हो जाएगा। उसका ये भी कहना है कि इस्लामी जगत की सभी औरतों को जिहाद के लिए आगे आना चाहिए। महिलाओं से गुप्त बैठकों के साथ-साथ समान विचार वाली महिलाओं से इकट्ठा होने की अपील की गई है। इस्लामी विचार के प्रसार के लिए साहित्य को वितरित करने की बात कही गई। इसके साथ ही ये भी कहा गया है कि लड़कियों और औरतों को साधारण हथियार से लेकर ग्रेनेड तक चलाने आना चाहिए।

अंग्रेजी में छपी पत्रिका में पाकिस्तान की एक महिला डॉक्टर का भी लेख है। डॉक्टर साहिबा बताती हैं कि उन्होंने क्यों पश्चिमी विचारों को त्याग कर इस्लाम को अपनाया। इससे पहले वो इस्लामिक विचारों से वाकिफ नहीं थी। तहरीक-ए-तालिबान ऑफ पाकिस्तान अब नए आतंकियों की भर्ती के लिए अपने विचारों के प्रसार के लिए उर्दू और अंग्रेजी में साहित्य छापता है। सोशल साइट पर तहरीक-ए-तालिबान सक्रिय रहता है। लेकिन मौजूदा समय में उसने ज्यादातर पेजों को बंद कर दिया है।

जानकार की रायJagran.Com से खास बातचीत में रक्षा मामलों के जानकार राज कादयान ने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान ऑफ पाकिस्तान हनी ट्रैप के जरिए आतंकी वारदातों को अंजाम दे सकता है। बेल्जियम में हनी ट्रैप के जरिए आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया है।  अबु दुजाना के मुद्दे पर पाक को घेरने की तैयारीजम्मू-कश्मीर के लश्कर-ए-तैयबा मुखिया अबु दुजाना को मारने के बाद अब भारत ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरने की तैयारी की और पाकिस्तानी उच्चायोग को शव सौंपने का आवेदन दिया। पाकिस्तान ने दुजाना का शव लेने से साफ इंकार कर दिया। पाकिस्तान इसे सियासी मुद्दा मानता है। पाकिस्तानी उच्चायोग दलील दे रहा है कि भारत इसे कूटनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

पाकिस्तानी पक्ष का कहना है कि इससे पहले मारे गए पाकिस्तानी आतंकियों का अंतिम संस्कार सुरक्षाबल भारत में कर देते थे, लेकिन इस बार मामले को भारत तूल दे रहा है। पुलवामा में मारा गया अबु दुजाना पाकिस्तान का रहने वाला था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अबु दुजाना की सारी जानकारियां इकट्ठी कीं। पुलिस ने उसके घर का पता, परिवार के सदस्यों की जानकारी जुटाने के बाद दुजाना के शव को पाकिस्तान उच्चायोग को सौंपने की सूचना दी, लेकिन पाकिस्तानी दूतावास की ओर से उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया गया।

अबु दुजाना के मुद्दे पर राज कादयान ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा शव लेने से इनकार करने की बात नई नहीं है। कारगिल लड़ाई के बाद पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के शवों को भी लेने से इनकार किया था। पाकिस्तान के राजनेताओं और सेना के चरित्र से दुनिया वाकिफ है।

कौन था अबु  दुजाना ?

2010 में अबु दुजाना लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था। उसने पीओके के ट्रेनिंग कैंपों में आतंकवाद की ट्रेनिंग ली थी। उसके बाद साल 2012 में पीओके से कश्मीर में घुसा था। साल 2015 में अबु कासिम के मारे जाने के बाद दुजाना को लश्कर का कमांडर बना था। वह A++ कैटेगिरी का आतंकी था। भारतीय फौज और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को पुलवामा में चले एनकाउंटर में अबु दुजाना को मार गिराया था। दुजाना के अलावा इस मुठभेड़ में दो और आतंकी मारे गए। दुजाना कई बार सेना को चकमा दे चुका था, लेकिन इस बार वो बच निकलने में नाकाम रहा।

अबु इस्माइल ने ली दुजाना की जगहजम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ के दौरान मारे गए लश्कर कमांडर अबु दुजाना की जगह अब अबु इस्माइल लेगा। इस्माइल वही आतंकी है, जिसने पिछले महीने अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया था। इस आतंकी हमले के मास्टरमाइंड इस्माइल ने अपने तीन साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया, जिसमें 7 यात्रियों की मौत हो गई थी।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सम्बन्धित लेख


सूचना: समाचार / आलेखमें उद्धृत स्रोत यूआरऍल केवल समाचार / लेख प्रकाशित होनेकी तारीखपर वैध हो सकता है। उनमेंसे ज्यादातर एक दिनसे कुछ महीने पश्चात अमान्य हो सकते हैं जब कोई URL काम करनेमें विफल रहता है, तो आप स्रोत वेबसाइटके शीर्ष स्तरपर जा सकते हैं और समाचार / लेखकी खोज कर सकते हैं।

अस्वीकरण: प्रकाशित समाचार / लेख विभिन्न स्रोतोंसे एकत्र किए जाते हैं और समाचार / आलेखकी जिम्मेदारी स्रोतपर ही निर्भर होते हैं। वैदिक उपासना पीठ या इसकी वेबसाइट किसी भी तरहसे जुड़ी नहीं है और न ही यहां प्रस्तुत समाचार / लेख सामग्रीके लिए जिम्मेदार है। इस लेखमें व्यक्त राय लेखक लेखकोंकी राय है लेखकद्वारा दी गई सूचना, तथ्यों या राय, वैदिक उपासना पीठके विचारोंको प्रतिबिंबित नहीं करती है, इसके लिए वैदिक उपासना पीठ जिम्मेदार या उत्तरदायी नहीं है। लेखक इस लेखमें किसी भी जानकारीकी सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता और वैधताके लिए उत्तरदायी है।

विडियो

© 2021. Vedic Upasna. All rights reserved. Origin IT Solution