‘धन्य’ घोषित होंगी सिस्टर रानी मारिया


इंदौर धर्मप्रांत की सिस्टर रानी मारिया हत्या के 22 साल बाद चार नवंबर को ‘धन्य’ घोषित की जाएंगी। इससे पहले भारतीय कैथोलिक चर्च से यह उपाधि मदर टेरेसा को प्रदान की गई थी। सिस्टर रानी भारत की नौवी शख्स हैं, जिन्हें यह उपाधि दी जाएगी। धन्य घोषित करने के लिए आयोजित समारोह में वेटिकन सिटी से पोप फ्रांसिस का प्रतिनिधि मंडल आएगा। देशभर से सिस्टर, फादर और 40 बिशप सहित 10 हजार लोग शामिल होंगे।

इंदौर धर्मप्रांत के बिशप चाको ने बताया कि सिस्टर मारिया की हत्या 25 फरवरी 1995 को देवास जिले के उदयनगर में समुंदरसिंह नामक व्यक्ति ने की थी। उन्हें उस दिन सुबह की बस से भोपाल पहुंचना था। वह भोपाल से केरल जाने वाली थीं। बस में 50 यात्री सवार थे। कुछ दूर की यात्रा के बाद समुंदर सिंह ने चाकू से 54 वार कर सिस्टर की हत्या कर दी थी। फादर आनंद ने बताया कि तीन दिनी महोत्सव में तीन नवंबर को शाम सात से आठ बजे तक रेड चर्च में संध्या प्रार्थना होगी। चार नवंबर को सुबह 10 बजे सेंटपॉल स्कूल परिसर में धन्य घोषणा उत्सव होगा। पांच नवंबर को धन्यवाद मिस्सा उदयनगर में होगी।

परिजनों ने की थी माफी की अपील, बहन ने बांधी राखी

– सिस्टर के माता-पिता ने उनके हत्यारे को माफ किया और कोर्ट से हत्यारे की सजा कम करने की अपील की। इसके चलते 20 साल की सजा को कम कर समंदरसिंह को 11 साल 8 माह में छोड़ दिया गया।

– सिस्टर की मां ने हत्यारे के हाथों का चुंबन लेकर कहा था कि इन हाथों पर मेरी बेटी का खून लगा है। मैं यीशु के पवित्र नाम पर तुम्हें माफ करती हूं। उनकी छोटी बहन सिस्टर सेल्मी पॉल ने 2002 में जेल जाकर हत्यारे को राखी बांधी थी।

– सिस्टर मारिया के पार्थिव शरीर को उदयनगर के गिरजाघर के बाहर दफनाया गया था। अब उनकी कब्र को दोबारा खोदकर उनके अवशेष को चर्च के अंदर नवनिर्मित समाधि में रखा गया है।

– सिस्टर रानी मारिया का जन्म केरल में 29 जनवरी 1954 को हुआ था। उन्होंने 1975 में उत्तरी भारत में अपना मिशन शुरू किया और गरीब भूमिहीन कृषि मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी।

कैथोलिक चर्च में धन्य घोषित करने के चार चरण

पहले चरण में मृत्यु के पांच साल बाद तक इंतजार करना आवश्यक।

दूसरे चरण में ईश सेवक या सेविका की घोषणा।

तीसरे चरण में धन्य की उपाधि।

चौथे चरण में संत की उपाधि।



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