नाम में ‘मणि और शंकर’ की पवित्रता..लेकिन कर्म अपवित्र!


मशहूर अमेरिकी लेखक Mark Twain कहा करते थे…Loyalty To The Nation All The Time, Loyalty To The Government When It Deserves It….यानी देश के प्रति वफादारी हर वक्त होनी चाहिए, और सरकार के प्रति वफादारी उस वक्त होनी चाहिए…जब सरकार उस वफादारी के लायक हो हालांकि…कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके मणिशंकर अय्यर…ना तो देश के प्रति अपनी निष्ठा दिखा रहे हैं….और ना ही उन्हें इस बात की परवाह है… कि उनकी बचकानी हरकतों से कश्मीर के मुद्दे पर भारत का पक्ष कमज़ोर हो रहा है. आप ये भी कह सकते हैं…कि मणिशंकर अय्यर इस वक्त पाकिस्तान की तरफ से Batting कर रहे हैं. और वो पाकिस्तान की धरती पर खड़े होकर हर वो बात कह रहे हैं…जो उन्हें नहीं कहनी चाहिए.

मणिशंकर अय्यर कहते हैं….कि जो प्यार उन्हें पाकिस्तान में मिलता है….वो प्यार उन्हें भारत में नहीं मिलता. वो ये तो कहते हैं…कि दोनों देशों के बीच बिना किसी रुकावट के बातचीत होनी चाहिए. लेकिन भारत को नीचा दिखाने के लिए वो ये कहने की कोशिश करते हैं कि बातचीत की ये पॉलिसी.. पाकिस्तान तो अच्छी तरह समझता है, लेकिन ये पॉलिसी भारत को समझ में नहीं आती.आतंकवादी हाफिज़ सदई को अपना परम मित्र और एक अच्छा इंसान बताने वाले परवेज़ मुशर्रफ को, मणिशंकर अय्यर पूरे आदर और सम्मान के साथ ‘मुशर्रफ जी’ कहकर संबोधित करते हैं. और ऐसा कहते हुए उन्हें ज़रा भी संकोच नहीं होता. ये तो सिर्फ कुछ बातें हैं…उन्होंने कराची लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान इसके अलावा ऐसी कई बातें कही हैं….जो कश्मीर नीति पर भारत का पक्ष कमज़ोर करती हैं. और उनकी ज़हरीली बातों की चर्चा पूरे देश में हो रही है, इसलिए उनकी इस अजीबोगरीब मानसिकता का विश्लेषण करना बहुत ज़रुरी है.

लेकिन उससे पहले मणिशंकर अय्यर और पाकिस्तान की भक्ति में डूबे ऐसे सभी लोगों को तीन अलग-अलग तस्वीरें देखनी चाहिए और एक बुज़ुर्ग की बात सुन लेनी चाहिए. ये तीनों ही तस्वीरें कश्मीर की सच्चाई है, जिसे मणिशंकर अय्यर या उनके जैसे दूसरे बुद्धिजीवी या तो स्वीकार नहीं करना चाहते या फिर उन्हें पाकिस्तान से इतनी ज़्यादा मोहब्बत है…कि उन्हें अपने देश के बेटों और कश्मीर के शहीदों का अपमान करने में भी कोई हिचक नहीं होती अब आप एक-एक करते ये तीन तस्वीरें देखिए और इनमें छिपी भावनाओं को महसूस कीजिए. पहली तस्वीर शहीद सूबेदार मोहम्मद अशरफ मीर के घर कुपवाड़ा की है. जब तिरंगे में लपटा उनका पार्थिव शरीर, उनके अपनों के बीच पहुंचा….तो संवेदनाएं अपने उफान पर थीं.

आम तौर पर कश्मीर में जब किसी आतंकवादी के जनाज़े में भीड़ दिखाई देती है.. तो कुछ लोग तुरंत उन तस्वीरों पर एजेंडा चलाने लगते हैं.. और वहां के लोगों के गुस्से और नाराज़गी को प्रचारित करते हैं. लेकिन सच्चाई कुछ और है, शहीद सूबेदार मोहम्मद अशरफ मीर की अंतिम यात्रा में जो जन-सैलाब घर से बाहर निकला….वो ये बात साबित करता है, कि घाटी में देशभक्तों की कमी नहीं है. अब दूसरी तस्वीर देखिए. जो कश्मीर घाटी के त्राल सेक्टर से आई है. जहां शहीद लांस नायक मोहम्मद इकबाल शेख के लिए भी लोगों का हुजूम अपने घर से बाहर निकल पड़ा.

अब आपको बिहार के खगड़िया की तस्वीर दिखाते हैं. 4 फरवरी को पाकिस्तान की तरफ से हुए सीज़फायर उल्लंघन में भारतीय सेना के गनर…किशोर कुमार मुन्ना बुरी तरह ज़ख्मी हो गए थे. लेकिन वो जीवन और मौत के बीच चल रहा युद्ध हार गए. हालांकि, जब उनका पार्थिव शरीर, उनके घर पहुंचा….तो लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी. मणिशंकर अय्यर की पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित बातों से पहले…इन तस्वीरों का ज़िक्र करना इसलिए ज़रुरी था….क्योंकि, ये तस्वीरें ही ऐसे लोगों की देश विरोधी सोच को हराने का काम करेंगी. आम तौर पर अगर किसी के नाम में मणि और शंकर का मिश्रण हो, तो उसे एक पवित्र नाम माना जाता है. लेकिन, ये ज़रुरी नहीं, कि मणिशंकर नामक हर व्यक्ति की सोच इतनी ही पवित्र और निर्मल हो. ऐसे लोग बार-बार ये भूल जाते हैं….कि पाकिस्तान से ‘दिल जोड़ने और गले मिलने का असर कितना ख़तरनाक हो सकता है.

वैसे कांग्रेस पार्टी के निलंबित नेता मणिशंकर अय्यर की जानकारी के लिए हम बता देना चाहते हैं, कि वो जिस देश की पैरवी कर रहे हैं, वही देश कश्मीर में नफरत की आग लगाने का काम कर रहा है. और इसके लिए वो हाफिज़ सईद जैसे एक नहीं, बल्कि सैकड़ों आतंकवादियों की मदद करता है. दुख की बात ये है कि कराची जाकर भी मणिशंकर अय्यर को पाकिस्तान का असली चरित्र पता नहीं चला…



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