बाबर के वंशज प्रिंस तुसी ने कहा- बाबरी की जमीन मंदिर के लिए दूंगा


बाबर के वंशज प्रिंस तुसी ने आज तक से खास बातचीत में कहा कि वह हर हाल में अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर ही देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, ‘बाबर ने अपने दस्तावेजों में लिखा है कि हिंदुस्तान में हुकूमत बगैर साधु-संतों को साथ लिए नहीं की जा सकती.’

तुसी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में मैंने जमीन पर अपनी दावेदारी जताई है और मुझे उम्मीद है बाबर का वंशज होने की वजह से जमीन की मिल्कियत मुझे मिलेगी. अगर मिल्कियत मिली तो भी यह जमीन राम मंदिर के लिए दूंगा और अगर सुन्नी बोर्ड को भी मिली तो भी उसके मुल्तवी होने के नाते मैं यह जमीन मंदिर के लिए दे दूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं यह झगड़ा हमेशा के लिए समाप्त हो जाए. चूंकि अब यह मस्जिद रही नहीं, यहां इबादत हो नहीं सकती. ऐसे में इस जमीन को हिंदुओं को सौंप देना चाहिए और इस मुद्दे पर मैं संघ और बीजेपी के साथ हूं.’

प्रिंस तुसी के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. वह एक एनजीओ है, कोई पक्षकार नहीं. ऐसे में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का दखल कोई मायने नहीं रखता.

तुसी ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट इतिहास पर कोई सुनवाई नहीं करेगा बल्कि वह एक सिविल डिस्प्यूट के तौर पर यानी जमीनी विवाद की सुनवाई करेगा. ऐसे में यह जमीन बाबरी मस्जिद की होने की वजह से इस पर मेरा हक होगा और जैसे यह जमीन मेरी मिल्कियत में आएगी, मैं इसे विश्व हिंदू परिषद और अखाड़े को सौंप दूंगा ताकि इस पर मंदिर बनाया जा सके.’

बाबर के दस्तावेजों का जिक्र करते हुए प्रिंस तुसी ने कहा कि बाबर ने अपने सिपहसालारों को साफ तौर पर कहा था कि अगर हिंदुस्तान पर हुकूमत करना है तो यहां संतों और महात्माओं का न सिर्फ सम्मान करना होगा, बल्कि उनके हिसाब से ही चलना होगा.

प्रिंस तुसी ने कहा कि वह जय श्री राम का नारा भी लगा रहे हैं, जिससे उनका धर्म नहीं बदल जाएगा. अलबत्ता हिंदू मुस्लिम एकता की राह जरूर तैयार होगी.

तुसी इस वक्त लखनऊ में हैं और रामराज यात्रा के लिए अयोध्या में साधु संतों से मिल रहे हैं. प्रिंस तुसी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर अयोध्या मामले के समाधान के बारे में बताएंगे.



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