बुरहान वानीकी मृत्यु से व्यथित कश्मीर घाटीमें पृथकतावादी नेता और संगठन कश्मीरको सुलगानेमें जुटे हुए हैं । भारतवर्षकी भूमिपर रहनेवाले पृथकतावादियोंके अपवित्र वक्तव्य उनके दोहरे चरित्रको उजागर करते हैं । पृथकतावादी नेता भारतके संसाधनोंका उपभोग करते हैं; परन्तु उनकी विषैली वाणीकी गूंज घाटी समेत पूरे भारतमें सुनाई देती है । वर्तमानमें ही अन्तरराष्ट्रीय आतंकी घोषित हिज्बुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीनका सत्य ये है कि उसके बेटे और बेटियां जम्मू-कश्मीर शासनके कर्मचारी हैं ।
ये है सैयद सलाहुद्दीनका कुटुम्ब
– हिज्बुलका मुखिया है सैयद सलाहुद्दीन
– सलाहुद्दीनके पांच लडके और दो लडकियां
– पांच लडकोंमेंसे चार शासकीय चाकरीमें (सरकारी नौकरी में)
– दो लडकियां भी शासकीय चाकरीमें
सलाहुद्दीनकी दोनों लडकियों और एक लडकेको गृहक्षेत्रमें नियुक्ति दी गई है । सबसे बडी बात है कि किसी भी शासनने बडगामसे उन्हें हटानेका साहस नहीं दिखाया । सलाहुद्दीनका एक लडका सैयद मुइद (आइटी मैनेजर) पम्पोरके ‘ईडीआइ’ भवनमें पिछले वर्ष आतंकी आक्रमणके मध्य फंस गया था । भारतीय सुरक्षा बलोंने आतंकियोंके चंगुलसे उसे सुरक्षित बाहर निकाला था । सैयद शकील अहमद, शेरे-ए-कश्मीर संस्थानमें चिकित्सा सहायकके (मेडिकल असिस्टेंटके) रूपमें नियुक्त है । वहीं दूसरा लडका वाहिद यूसुफ चिकित्सक (डॉक्टर) है । सैयद सलाहुद्दीनकी दोनों बेटियां शासकीय विद्यालयोंमें शिक्षिकाएं हैं ।
सलाहुद्दीन जम्मू-कश्मीरमें आतंकियोंके माध्यमसे अपने परिवारसे जुडा रहता है । उसने ‘यूनाइटेड जेहादी काउंसिल’ (यूजेसी) के ध्वज तले ८ जुलाईसे बुरहान वानीकी स्मृतिमें एक सप्ताहतक कश्मीरके विभिन्न भागोंमें प्रदर्शन करनेकी घोषणा की है । सामजिक जालस्थलों (सोशल मीडिया) के माध्यमसे वह निरन्तर कश्मीरी युवाओंको भडकाता रहता है । इसके अतिरिक्त वह युवकोंको पाकिस्तानमें प्रशिक्षित कर पुनः घाटीमें भेजता है । १९८९ में पाकिस्तान जानेसे पहले सलाहुद्दीन ‘मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट’के लिए कार्य करता था । इसके अतिरिक्त वो जमात-ए-इस्लामीके साथ जुडकर उग्र भाषण दिया करता था ।
(यह सभी जानकारी शासन को है; तथापि उसके बेटे-बेटियोंको शासकीय संरक्षण आश्चर्यजनक ही है | घाटीसे आतंकवादकी कमर तोडनेके लिए शासनद्वारा कठोर कार्यवाही की जाना चाहिए, साथ ही आतंकीके अपने परिवारसे सम्पर्क तथा सम्बन्धोंकी भी जांच की जाना चाहिए तथा राष्ट्रविरोधी गतिविधिमें संलिप्तता पाए जानेपर आतंकी सलाहुद्दीनके बेटे-बेटियोंको तत्काल पदमुक्त कर कारावासमें डालना चाहिए | भारतसे धनार्जन कर भारतके विरुद्ध उसका उपयोग करनेवाले तथा यह सब देखकर मौन रहनेवाले भारत शासनसे क्या कश्मीर समस्याके हलकी अपेक्षा की जा सकती है ? – वैदिक उपसना पीठ)
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