जुलाई ६, २०१९
शिया वक्फ बोर्डके अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवीने तृणमूल कांग्रेसकी सांसद नुसरत जहांके सिंदूर और बिंदी लगानेके प्रकरणमें उलमाके फतवोंपर विरोध प्रकट किया है ।
उनका कहना है कि प्रत्येक मुसलमान विवाहित महिलाको अपने ढंगसे सजने संवरनेका अधिकार है । मुल्ला सिद्ध करें कि सिंदूर व बिंदी लगाना हराम है ।
रिजवीने जारी किए गए एक वक्तव्यमें कहा कि कोई भी मुसलमान महिला सिंदूर लगाती है, चूडियां पहनती है, मंगलसूत्र पहनती है और बिंदी लगाती है तो यह शरई रूपसे हराम नहीं है ।
उन्होंने कहा कि विश्वभरके कट्टरपंथी मुल्लाओंको चुनौती है कि वे सिद्व करें कि किस शरई पुस्तकमें इसे ‘हराम’ कहा गया है । हिंदुस्तानमें यह तालिबानी मानसिकताका प्रचार है । इसप्रकारका फतवा जारी करने वालोंसे कडे ढंगसे निपटनेकी आवश्यता है ।
“हम रिजवीजीके इस प्रखर वक्तव्यका समर्थन करते हैं । तालिबानी मौलवियोंको अब देशसे बाहर करना चाहिए, अब तभी इस देशमें शान्ति आ पाएगी ।” – सम्पादक, वैदिक उपासना पीठ
स्रोत : अमर उजाला
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