२०१३ में इटलीमें प्रवचनके समय दी गई आपातकालकी सुचना, गणमान्य लोगोंको नहीं लगी थी अच्छी !
जब २०१३ में इटलीके एक मंदिरमें प्रवचन लेते समय मैंने कहा था कि आगे आपातकालमें भिन्न प्राकृतिक एवं मनुष्य निर्मित समस्याओंके कारण विदेशोंमें रहना बहुत कठिन हो जायेगा; इसलिए आप सब अपने मूल ग्राममें भी जो घर है उसे ठीक करवा कर रख लें तो वहांके कुछ गणमान्य लोगोंको मेरी बात किंचित मात्र भी अच्छी नहीं लगी और उन्होंने अगली बारसे हमारे प्रवचनकी भी अनुमति नहीं दी ! आज इटलीकी स्थिति तो आपको ज्ञात ही है !
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