आपत्तिजनक गतिविधियोंमें सम्मिलित ७ बांग्लादेशी नागरिकोंको भारतने काली सूचीमें डाला


२० जून, २०२२
      केन्द्रीय गृह मन्त्रालयने (एमएचएने) शनिवारको सात बांग्लादेशी नागरिकों, छह धार्मिक नेताओं और एक गायकको असम और पडोसी देशमें ‘आपत्तिजनक गतिविधियों’में सम्मिलित होनेके लिए प्रतिबन्धित सूचीमें डाल दिया ।
      सात बांग्लादेशियोंको ‘ब्लैकलिस्ट’ करनेका पग असम शासनद्वारा गुप्त प्रतिवेदनोंके पश्चात उनके विरुद्ध गृहमन्त्रालयको अधिसूचित करनेके पश्चात उठाया गया था ।
      ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’से विशेष रूपसे बात करते हुए, असमके अतिरिक्त ‘पुलिस’ महानिदेशक (एडीजीपी) हिरेन नाथने पुष्टि करते हुए कहा, “वास्तवमें, हमने देखा था कि अधिक समयसे, अनेक धार्मिक उपदेशक बांग्लादेशसे आते हैं और इसमें कोई आपत्ति नहीं है । वास्तवमें सभी नियमोंका पालन करते हुए और साम्प्रदायिक शान्ति और सद्भावको भंग किए बिना धार्मिक उपदेश दिया जाता है; किन्तु हमने पाया है कि अनेक प्रचारक पर्यटक ‘वीजा’ या मेडिकल वीजा’पर आते हैं; इसलिए जब आप इन ‘वीजा’पर आते हैं, आप धार्मिक उपदेश नहीं दे सकते, आप आर्थिक गतिविधियोंमें सम्मिलित नहीं हो सकते और आप लोगोंसे ‘पैसे’ नहीं ले सकते । यह ‘वीजा’ नियमोंमें बहुत स्थापित है ।’
       इसके अतिरिक्त १६ जूनको पूर्वी जयंतिया हिल्स ‘पुलिस’ने भारतीय क्षेत्रमें अवैध रूपसे प्रवेश करनेके आरोपमें ११ बांग्लादेशी नागरिकोंको अभिरक्षामें लिया था । भारतीय ‘मीडिया आउटलेट्स’ने आगे बताया कि जॉन पटवाड और जिंगीइट सुटिंगके रूपमें ‘पहचाने’ जानेवाले दो स्थानीय लोगोंको भी इसकी सुविधाके लिए अभिरक्षामें लिया गया था ।
                  सन्दिग्ध बांग्लादेशी नागरिकोंको काली सूचीमें डालनेसे समय व्यर्थ होगा, ऐसे लोगोंको तत्काल देश निकाला देना चाहिए; ऐसा सभी हिन्दुओंको लगता है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 
 
स्रोत : ऑप इंडिया


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