उत्तरप्रदेशमें अब अवैध मजारें नही दिखेंगी
१४ मार्च, २०२१
समाचारके अनुसार उत्तर प्रदेश शासनने मार्गोंके मध्य और मार्ग बाधित कर रहे हैं सभी अवैध धार्मिक स्थलोंको हटानेका आदेश दिया है और प्रशासनद्वारा इस निर्णयपर क्रियान्वयन करते हुए अनेक नगरोंसे अवैध कब्रों और मार्गोंपर बने अवैध मन्दिरोंको हटानेका कार्य आरम्भ कर दिया गया है । पहली कार्यवाही बाराबंकी जनपदमें मार्गके मध्य स्थित एक शताब्दियों प्राचीन कब्रको हटाकर की गई है । मार्च माहके अन्त तक इस प्रकारके सभी अवैध स्थल उनके स्वामियोंके घरपर ही स्थानान्तरित करनेका लक्ष्य रखा गया है ।
इससे मन्दिर तो पुजारीके घर स्थानान्तरित हो जाएगा; परन्तु ‘मुजावर’को ‘मुर्दे’के साथ रहना होगा । इस निर्णयसे सडकके किनारे बने मन्दिर भी प्रभावित होंगे; परन्तु ये मन्दिर अधिकांशतः वे ही हैं, जो हिन्दुओंद्वारा बिना शास्त्रीय विधिका पालन किए बना दिए जाते हैं ।
यह समाचार प्रसन्नता प्रदान करनेवाला है; क्योंकि कथित स्वतन्त्रताके ७५ वर्ष व्यतीत होनेके उपरान्त भी किसी शासनने यह साहस नहीं किया था कि किसी अवैध कब्रको स्पर्श भी कर पाए; परन्तु उत्तर प्रदेशके योगी शासनने यह निर्णय लिया है, जो अत्यन्त प्रशंसनीय हैं । इस निर्णयसे यह सन्देश जाएगा कि विधान सभीके लिए समान है और अब म्लेच्छोंकी मनमानी इस प्रदेशमें नहीं चलेगी । अब यह निर्णय सम्पूर्ण देशमें लागू किया जाना चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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