शङ्खका स्वास्थ्य, धर्म एवं ज्योतिषमें महत्त्व !


स्वास्थ्यमें महत्त्व :

* ‘नासा’के अनुसार, शङ्ख बजानेसे खगोलीय ऊर्जाका उत्सर्जन होता है, जो वातावरणमें विद्यमान विषाणुओंका नाशकर लोगोंमें ऊर्जा व शक्तिका सञ्चार करती है ।
* शङ्खमें १००% ‘कैल्शियम’ है । इसमें रात्रिमें पानी भरकर पीनेसे ‘कैल्शियम’की आपूर्ति होती है ।
* शङ्ख बजानेसे योगकी तीन क्रियाएं एक साथ होती हैं – कुम्भक, रेचक तथा प्राणायाम ।
* शङ्ख बजानेसे हृदयाघात, रक्तचापकी अनियमितता, श्वासरोग (दमा) तथा मन्दाग्निमें लाभ होता है ।
* शङ्ख बजानेसे फुफ्फुस (फेफडे) पुष्ट होते हैं ।
* शङ्खमें पानी रखकर पीनेसे मनोरोगीको लाभ होता है, उत्तेजना कम होती है ।
* शङ्खकी ध्वनिसे मस्तिष्क व स्नायुतन्त्र सक्रिय रहता है ।

धार्मिक महत्त्व :

* दक्षिणावर्ती शङ्खको लक्ष्मीस्वरूप कहा जाता है । इसके बिना माता लक्ष्मीकी आराधना पूरी नहीं मानी जाती ।
* समुद्रमन्थनके मध्य निकले १४ रत्नोंमेंसे यह एक रत्न है । सुख-सौभाग्यकी वृद्धि हेतु इसे अपने घरमें स्थापित करें !
* घरमें शङ्ख बजानेसे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है एवं अतृप्त आत्माओंका घरमें वास नहीं होता है ।
* दक्षिणावर्ती शङ्खद्वारा पितरोंका तर्पण करनेसे पितरोंको शान्ति मिलती है ।
* शङ्खद्वारा स्फटिकके श्रीयन्त्रका अभिषेक करनेसे लक्ष्मीकी प्राप्ति होती है ।

ज्योतिषीय महत्त्व :

* मंगलवारको शङ्ख बजाकर सुन्दरकाण्ड पढनेसे मंगलका कुप्रभाव कम होता है ।
* शङ्खमें चावल भरकर रखें और लाल कपडेमें लपेटकर अपने कोशमें (तिजोरीमें) रखें, मां अन्नपूर्णाकी कृपा बनी रहती है ।
* बुधवारको शङ्खमें जल व तुलसी पत्र डालकर शालीग्रामका अभिषेक करनेसे बुध ग्रह ठीक होता है ।
* शङ्खका केसरसे तिलककर पूजा करनेसे भगवान विष्णु व गुरुकी कृपा प्राप्त होती है ।
* शङ्खको श्वेत वस्त्रमें रखनेसे शुक्रग्रह बली होता है ।
* शङ्खमें जल भरकर सूर्यदेवको अर्घ्य देनेसे सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं ।



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