शंका समाधान


प्रश्न : क्या मात्र ‘श्रीगुरुदेव दत्त’के जपसे पितृदोष दूर हो जाता है ? क्या ‘श्रीगुरुदेव दत्त’का जप, रुद्राक्ष, स्फटिक या चन्दनकी मालासे कर सकते हैं या किसी और मालासे करना है ? – गौरव साहू, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

उत्तर : ‘श्रीगुरुदेव दत्त’का जप दत्तात्रेय देवताका जप है । इसे करनेसे सामान्य एवं मध्यम स्तरके पितृदोष निश्चित ही दूर हो सकते है; किन्तु जिन्हें तीव्र स्तरका है, उनके लिए निरन्तर छह घण्टे जप करना कठिन होता है, ऐसा मैंने पाया है । ऐसी स्थितिमें किसी दत्त क्षेत्रमें रहकर वहां जप एवं उस क्षेत्रमें स्थित दत्तात्रेयके देवालयकी सेवा करनेसे शीघ्र लाभ मिलता है । यह सम्भव न हो तो अपने क्षेत्रके किसी सन्तकी या उनके कार्यकी सेवामें भी तन, मन व धनसे योगदान देनेसे या धर्मप्रसारकी सेवा किसी सन्तके मार्गदर्शनमें करनेसे गुरु या ईश्वरकी कृपा मिलती है जिससे तीव्र स्तरका पितृदोष न्यून होता है ।

दत्तात्रेय देवता पितर लोकके स्वामी माने जाते हैं; इसलिए उनके जपसे पितृदोष शीघ्र न्यून होता है । साथ ही इस जपमें हमारे श्रीगुरुका संकल्प होनेके कारण यदि कोई भी साधक श्रद्धा और सातत्यसे कष्टकी तीव्रता अनुरूप जप करे तो पितृदोष निश्चित ही दूर हो सकता है ।

किन्तु एक बात अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि यथासम्भव वैदिक सनातन धर्ममें जो भी कर्मकाण्ड अन्तर्गत पितृकर्म बताए गए हैं, जिसके अन्तर्गत नित्य स्नानांग तर्पण, मासिक, वार्षिक व पार्वण श्राद्ध आदि आते हैं, उन्हें भी अवश्य ही करना चाहिए ।

दतात्रेय देवतामें तीनों देवताओंका तत्त्व है; इसलिए आप इनका जप किसी भी मालासे कर सकते हैं ।



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