१७ मार्च, २०२२
गुजरातके विद्यालयोंमें अब श्रीमद्भागवत गीताके श्लोक गूंजेंगे । गुजरात शासनकी नूतन शिक्षा नीतिमें कक्षा ६ से कक्षा १२ तक ‘गीता’को पाठ्यक्रमका भाग बनाए जानेकी स्वीकृति मिल गई है । यह आदेश गुजरातके सभी विद्यालयोंमें क्रियान्वित होगा । गुजरातके शिक्षा मन्त्री जीतू वाघानीने १७ मार्चको (गुरुवारको) इसकी घोषणा की ।
शिक्षा मन्त्री जीतू वाघानीने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “कक्षा ६ से ८ तककी कक्षाओंमें श्रीमद्भागवत गीता कहानी और श्लोकोंके रूपमें होगी । वहीं कक्षा ९ से १२ तक ये कहानी और श्लोकोंके रूपमें प्रथम भाषा पुस्तकमें होगी । वर्ष २०२२-२३ में भारतकी संस्कृति और ज्ञान प्रणालीसे परिचित करवानेके लिए प्रथम चरणमें गीताके मूल्यों और सिद्धान्तोंको कक्षा ६ से १२ तक पढाया जाएगा । यह पग छात्रोंके हितोंको ध्यानमें रखकर उठाया जा रहा है । बच्चोंको गीताके श्लोक ‘ऑडियो’ और ‘वीडियो’ रूपोंके साथ ‘प्रिंटेड’ रूपमें भी दिए जाएंगे ।”
गुजरात शासनद्वारा लिया गया निर्णय प्रशंसनीय है । श्रीमद्भागवत गीताके ज्ञानको समूचे विश्वने स्वीकारा है और कृतिमें भी ले हैं, जिससे अनेक लोगोंको लाभ हुआ है; परन्तु भारतकी धरापर प्राप्त इस ज्ञानको भारतके भावी युवाओंतक नहीं पहुंचाया जा सका है, यह बताता है कि राजनीतिने कैसे देशका सर्वनाश किया है; अतः अब ये परिवर्तनका क्रम रुकना नहीं चाहिए, ऐसा हिन्दुओंको अपेक्षित है । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
स्रोत : ऑप इंडिया
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