हिन्दू विरोधी ‘पूजास्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम’ निरस्त करें ! – एकमतसे प्रस्ताव पारित


०१ जुलाई, २०२२
      हिन्दुओंके मूलभूत अधिकारोंका हनन करनेवाला ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट १९९१’ कानून तत्काल निरस्त ₹कर काशी, मथुरा, ताजमहल, भोजशाला आदि मुगल आक्रमणकारियोंद्वारा हडपे गए सहस्रों मन्दिर और भूमि हिन्दुओंके नियन्त्रणमें दी जाए, इस प्रस्तावको सभी हिन्दुत्वनिष्ठोंने पारित किया ।
पारित किए गए अन्य प्रस्ताव
१. भारतके बहुसंख्यक हिन्दुओंको न्याय दिलानेके लिए संविधानसे ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द हटाकर वहां ‘स्पिरिच्युअल’ शब्द जोडा जाए और भारतको ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए ।
२. भारतमें ‘एफ.एस.एस.ए.आई.’ और ‘एफ.डी.ए.’ जैसी शासकीय संस्थाएं होते हुए धार्मिक आधारपर ‘समानान्तर अर्थव्यवस्था’का निर्माण करनेवाले ‘हलाल सर्टिफिकेशन’पर तत्काल प्रतिबन्ध लगाया जाए ।
३. शासनके नियन्त्रणमें समस्त भारतके जो मन्दिर हैं, उन सभी मन्दिरोंका शासकीयकरण निरस्त कर मन्दिर भक्तोंको सौंपे जाएं ।
४. केन्द्र शासन सम्पूर्ण देशमें ‘गोवंश हत्या प्रतिबन्धक’ और ‘धर्मान्तरण प्रतिबन्धक’ विधान पारित करे । धर्मान्तरण रोकनेके लिए संविधानके अनुच्छेद २५ में सुधारकर उसमेंसे ‘धर्मका प्रचार’ शब्द हटाया जाए ।
५. ‘नेपाल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो’, नेपालके हिन्दुओंकी इस मांगका यह अधिवेशन पूर्ण समर्थन करता है ।
६. गोवामें ‘इन्क्विजिशन’के नामपर २५० वर्ष गोमांतकियोंपर किए गए अमानवीय और क्रूर अत्याचारोंके लिए ईसइयोंके पन्थगुरु पोप गोवाकी जनतासे सार्वजनिक क्षमा मांगें ।
७. कश्मीर घाटीमें ‘पनून कश्मीर’ नामक केन्द्र शासित प्रदेशकी निर्मितिकर वहां विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओंका पुनर्वसन किया जाए ।
८. पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंकाके हिन्दुओंपर हुए अत्याचारोंकी पूछताछ अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और भारत शासन करे तथा वहांके अल्पसंख्यक हिन्दुओंको सुरक्षा दी जाए ।
९. भारतमें घुसपैठ किए हुए रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी मुसलमानोंको लौटनेके लिए शासन कठोर ‘कानून’ बनाए । नागरिकता संशोधन विधानको तत्काल कार्यान्वित किया जाए ।
१०. गत कुछ वर्षोंमें अहिन्दुओंकी जनसंख्याका विस्फोट देखते हुए सर्वधर्मियोंकी जनसंख्याका सन्तुलन बनाए रखनेके लिए देशमें तत्काल ‘जनसंख्या नियन्त्रण कानून’ लागू किया जाए ।
११. मानवताकी दृष्टिसे और संवैधानिक अधिकारोंका विचारकर गोवाके मुख्यमन्त्री श्री. प्रमोद सावंत कर्नाटककी ‘श्रीराम सेना’के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिकपर गोवा राज्यमें लगाई गई प्रवेश बन्दी हटाएं । अधिवेशनके समापनके समय हाथ उठाकर ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’का जयघोष करते हुए उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठोंने उपर्युक्त प्रस्तावोंको स्वीकृति दी ।
       हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा सभी प्रस्ताव भारतवर्षके आध्यात्मीकरणको देखते हुए अखिल मानव जातिके लिए हितकारी है; इसका सुहृदय स्वागतकर, इन्हें त्वरित क्रियान्वित करना चाहिए । – सम्पादक, वैदिक उपाासना पीठ
 


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